वसुंधरा राजे ने अमित शाह की मौजूदगी में कह दिया कि “2003 में पहली बार मुझे राजस्थान की जनता ने मुख्यमंत्री बनाकर भेजा जिसके बाद से राजस्थान में कांग्रेस कभी पूर्ण बहुमत नहीं ला पाई है।”राजनीतिक जानकारों का मानना है कि वसुंधरा ने अमित शाह के सामने आलाकमान को संदेश भेज दिया है कि पार्टी नेतृत्व को मुख्यमंत्री के चेहरे पर जल्द ही अपनी स्थिति साफ करनी चाहिए। गौरतलब है कि राजस्थान में बीजेपी में पिछले चुनाव के समय से ही सीएम के चेहरे को लेकर खींचतान चल रही है।वहीं वसुंधरा राजे के इस बयान से ये तो साफ हो गया है कि उन्होंने स्पष्ट संकेत देकर ये बता दिया है कि 2023 के चुनाव में उन्हें किसी तरह से कमजोर नहीं समझना चाहिए। साथ ही वसुंधरा राजे ने एक बात और कही कि हम प्रचंड बहुमत से राजस्थान में सरकार बनायेंगे जिसके लिए हमें एकजुट होकर मजबूत रणनीति के साथ आगे बढ़ना होगा।बहरहाल मोदी इस तरह के संकेत पर अपनी क्या नीति राजस्थान में लेकर आयेंगे ये तो भविष्य ही बताएगा। सूत्रों की मानें तो केंद्र में बैठी भाजपा और मोदी स्वयं परिवार वाद की राजनीति अपनी पार्टी में हावी नहीं होने देना चाहते।इसलिए वसुंधरा क कोई विकल्प या तो अंदर ही अंदर तलाशा जा चुका है या कोई उलटफेर संभव है ये भविष्य के गर्भ में है।
कार्यक्रम था जोधपुर राजस्थान में 10 सितंबर 2022 प्रदेश स्तरीय पिछड़ा वर्ग सम्मेलन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में भाजपा की वरिष्ठ नेत्री भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने केंद्रीय नेतृत्व को संदेश भिजवा दिया कि मैं नहीं तो राजस्थान में ?
अब इस संकेत को आगामी चुनाव में भाजपा कैसे लेती है ये देखना होगा।