जुलाई 2020 में एक ऐसी रात आई जो 8 पुलिस वालों की नृशंस हत्या की ख़ौफ़नाक कहानी की ऐसी दास्तान लिख दी जिसमें खून की स्याही से न सिर्फ़ यूपी में क़ानून की ख़ाकी वर्दी भी रंग गई और पूरे देश की निगाहें भी राज्य की कानून व्यवस्था पर न चाहते हुए भी सवाल उठाने लगीं कि ये कैसे हो गया?
इस मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने यूपी एसटीएफ़ को तत्काल चुस्त दुरुस्त कार्यवाही के निर्देश दिए।
बिकरु कांड की घटना की तारीख 2/3 जुलाई की रात 2020
शहीद पुलिस कर्मी
- C.O. देवेंद्र मिश्रा
- थानाध्यक्ष महेश यादव
3.S.I. अनूप सिंह
4.S.I. नेबूलाल
5.कां. जीतेन्द्र सिंह
6.कां. सुल्तान सिंह
7.कां. बबलू - कां. राहुल कुमार
मुठभेड़ में मारे गए बदमाश
1.विकास दुबे
2.अतुल दुबे
3.राजाराम उर्फ प्रेम कुमार
4.अमर दुबे
5.प्रभात कुमार
6.प्रवीण कुमार उर्फ बउवा
बिकरु कांड से सम्बंधित एक मामले में न्यायालय विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र का.दे.के न्यायाधीश श्री अमित मालवीय ने अभियुक्त श्यामू बाजपेयी को 5 वर्ष के सश्रम कारावास व 5000/-रु के अर्थदंड से दण्डित किया।
बिकरु कांड के नामजद अभियुक्त श्यामू बाजपेयी पर असलहा बरामदगी के दौरान पुलिस पार्टी पर जान से मारने की नीयत से फायर करने का मुकदमा धारा 307 ipc में थाना चौबेपुर में दर्ज हुआ था,जिसमे न्यायालय में आरोप पत्र आने के बाद उसका विचारण न्यायालय विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र का.दे. में चल रहा था । जिला शासकीय अधिवक्ता राजू पोरवाल व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रशांत मिश्रा ने बताया कि अभियोजन ने न्यायालय में वादी मुकदमा इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी,इंस्पेक्टर शेषनारायण बाजपेयी,इंस्पेक्टर कृष्णमोहन राय , कां. राहुल सिंह व विशेषज्ञ प्रवीण श्रीवास्तव सहित आठ गवाह प्रस्तुत किये गये बचाव पक्ष ने श्यामू बाजपेयी की पत्नी को बचाव साक्षी के रूप में पेश किया । दोनो पक्षो की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने अभियुक्त श्यामू बाजपेयी को 5 वर्ष के कारावास व 5 हजार रु के अर्थदंड से दण्डित किया।
श्यामू बाजपेयी विकास दुबे के गैंग का सक्रिय सदस्य था बिकरु कांड जिसमे सी ओ सहित आठ पुलिस वाले शहीद हुए थे श्यामू बाजपेयी पर पुलिस वालों पर गोलियां चलाने का आरोप था,बिकरु कांड में दर्ज कराई गई fir में यह नामजद अभियुक्त है और इसका नाम तीसरे नम्बर पर दर्ज है,पुलिस ने इसे 7 जुलाई 2020 को गिरफ्तार किया था और 8 जुलाई की सुबह यह बिकरु कांड में प्रयोग किये गए हथियार बरामद कराने ले गया था जहां जंगल मे एक बबूल के पेड़ की जड़ में छुपाये गए तमंचे को निकाल कर इसने पुलिस पार्टी पर फायर कर भागने की कोशिश की जवाबी फायरिंग में इसके पैर में गोली लगी और पकड़ा गया ।
योगी की पुलिस ने इस मामले में 6 कुख्यात अपराधियों को पहले ही मार गिराया है।अपराधियों के हौसलों को पस्त करने में कानपुर पुलिस की फ़ोरेंसिक टीम और सरकारी वकील ने जो मेहनत की उसी का परिणाम है कि एक और आरोपी अब जेल की सलाखों में है।