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सूत्रों के अनुसार जो जानकारी नई दिल्ली से निकलकर बाहर आ रही है छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के एर्राबोर में नाबालिग बालिका के साथ घटी घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित केंद्रीय संगठन की पूरी नजर इस संवेदनशील मामले पर लगी हुई है।
पीएमओ एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह से इस संबंध में पूरी रिपोर्ट तलब की है।
इस घटना को लेकर प्रदेश भाजपा के द्वारा धमतरी की भाजपा विधायक रंजना दीपेंद्र साहू के नेतृत्व में जो टीम सुकमा जिले के एर्राबोर भेजी गई थी उन्होंने 26 जुलाई को आश्रम का निरीक्षण किया और वह अपनी रिपोर्ट भाजपा कार्यालय को दे रही हैं।
26 जुलाई को ही लोकसभा और राज्यसभा में केंद्र सरकार के विरुद्ध विपक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव मणिपुर के मामले में लाया गया है इस पर बहस होगी और जब सरकार को जवाब देने का समय आएगा तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के एर्राबोर की घटना का जिक्र जरूर करेंगे इसकी पूरी तैयारी की जा चुकी है।
5 वर्षीय बच्ची के गैंगरेप मामले में बोले डॉक्टर रमन
घटना अमानवीयता की पराकाष्ठा
आरोपियों का अब तक न पकड़े जाना कांग्रेस की बड़ी असफलता।
भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने बस्तर संभाग के सुकमा जिला के एर्राबोर थाने के अंतर्गत एक शासकीय कन्या आवासीय विद्यालय में पहली कक्षा की छात्रा के साथ सामुहिक दुष्कर्म की घटना को बेहद शर्मनाक और निंदनीय बताते हुए कहा कि इस घटना के मद्देनजर पहले तो पीड़ित बच्ची के परिजनों को छात्रावास से भगा दिया गया, उनकी एफआईआर दर्ज नहीं हुई, बच्ची का चिकित्सकीय परीक्षण नहीं हुआ। यह अमानवीयता की हद है। डॉ. सिंह ने कहा कि पीड़ित बच्ची व उसके माता पिता के साथ संवेदनहीनता का परिचय दिया गया।
डॉक्टर रमन ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि भूपेश सरकार के राज में अब बेटियां कतई सुरक्षित नहीं है। बस्तर की बेटियों के साथ इस तरह की अमानवीय घटनाएं हो रही है और उसके बाद भी त्वरीत कार्यवाही नहीं की जा रही है। डॉ. सिंह ने आश्चर्य जताया कि आज तक इस घटना के आरोपी गिरफ्तार नहीं हुए है। यदि अन्य राज्यों में इस तरह की घटना होती तो कांग्रेस इसमें हंगामा मचा कर राजनीति करती। मणिपुर की हिंसा पर राजनीति कर रही प्रदेश सरकार और कांग्रेस के लोगों ने बस्तर की इस अमानवीय घटना पर अब तक मुंह नहीं खोला है। यह कांग्रेस और प्रदेश सरकार की घोर आदिवासी विरोध सोच का परिचायक है, संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है। भाजपा की जांच समिति इस पूरे घटना क्रम के तथ्यों का विश्लेषण कर रही है और सारे तथ्य प्रदेश के साथ साझा करेगी और घटना का जांच प्रतिवेदन पार्टी को प्रस्तुत करेगी।
जबकि भूपेश बघेल कड़ी कार्यवाही की जाएगी ये कह रहे हैं।
मामला कहीं का भी हो इन सब मुद्दों पर राजनीति से परे हटकर पूरी संवेदनशीलता के साथ कड़े कानून के तहत कार्यवाही होनी चाहिए वो भी कम समय में।इस तरह की घटनाओं के लिए भ्रष्ट व्यवस्था भी ज़िम्मेदार है वहीं दिन प्रति दिन अपने कर्तव्य से विमुख होकर कुछ सरकारी कर्मचारियों के द्वारा भी दलगत राजनीति के दलदल में धंसे रहने के कारण भी अव्यवस्था फैल रही है जिस पर कड़ाई से अंकुश लगाया जाना चाहिए।