सीलन भरे कमरे में प्रधानमंत्री मोदी की भीगती तस्वीर और कमरे में बैठे मजबूर बच्चे जिन्हे सरगुजा के तथाकथित विकास को देखने के लिए अपने घर से मात्र स्कूल तक का ही सफऱ करके हर पहलू समझ आ जा रहा है!
इससे बड़ी प्रैक्टिकल की ये पढ़ाई भ्रष्टाचार की पूरी गाथा को समझाने व समझने के लिए पर्याप्त है!
देश का भविष्य इन बच्चों को पढ़ाई के लिए ठीक भवन तक उपलब्ध नहीं!बारिश में कमरे में भर जाता है पानी मगर कोई सुनवाई नहीं! सीलन भरे कमरे में छोटे छोटे बच्चों का भविष्य बदहाल व्यवस्था की पोल खोल रहा है!
सरगुजा जिले के सरईटिकरा प्राथमिक शाला स्कूल में जहाँ बच्चे कीचड़नुमा स्कूल में बैठकर अपनी पढ़ाई करने को मजबूर हैं! बरसात का पानी निकासी के लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी काम नहीं आई और बच्चे कभी पढ़ाई कर पाते हैं तो कभी नहीं!
सरगुजा जिला मुख्यालय अंबिकापुर से 15 किलोमीटर दूर सरईटिकरा गांव का प्राथमिक शाला स्कूल भवन भगवान भरोसे संचालित किया जा रहा है! जहां बच्चे कीचड़नुमा स्कूल में बैठकर पढ़ाई करते हुए नजर आ रहे हैं तो वही छतों से टपकते बरसात का पानी बच्चों की पढ़ाई में खलल डाल रहा है!और तो और स्कूल भवन में बिजली की बिखरी हुई तारे कभी भी हादसे को न्योता भी दे रही हैं!ऐसे में बच्चों सहित स्कूल के प्रधान पाठक भी परेशान है! शिकायतों का पुलिंदा काफी लंबा है बावजूद स्कूल भवन जस के तस अपने स्वरूप में खड़ा हुआ है और तथाकथित नेताओं समेत भ्रष्ट व्यवस्था की पोल खोल रही है!
सरगुजा की सांसद रेणुका सिंह आज अपने द्वारा अपनी बड़ाई में व्यस्त हैं तो दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के सबसे अमीर नेता यानि उप मुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव भी इस पर क्या कर रहे हैं ये भी यक्ष प्रश्न बनकर खड़ा है? वहीँ दमदार अमरजीत भगत इस पर विपक्ष की भांति मौन हैं!जबकि लगातार स्कूलों की बदहाल व्यवस्था की जानकारी इन सबके पास न हो भला ये कैसे संभव है!
इसकी जानकारी ग्राम पंचायत के सरपंच के द्वारा संबंधित अधिकारियों सहित क्षेत्रीय विधायक व प्रदेश के उपमुख्यमंत्री टी एस सिंह देव को भी दी गई है. बावजूद इसके आज भी इस भवन निर्माण के लिए ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधि अपनी बात पहुंचाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी आज तक भवन नहीं बन सका है.
सरगुजा जिले में शिक्षा व्यवस्था दम तोड़ती हुई नजर आ रही है. जहां खुद ही प्रधान पाठक बता रहे हैं कि बच्चों को बेसिक पढ़ाई तक क्रमवार तरीके से पढ़ाने में समस्या आ रही है तो ऐसे में बच्चों के भविष्य के साथ जिला प्रशासन जिला और शिक्षा अधिकारी खिलवाड़ करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं!अब देखना होगा कि जिले के आला अधिकारियों द्वारा इन बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए क्या प्रयास किया जाएगा?