ED arrested Judge Sudhir Parmar in M3M case :

सीबीआई/ ईडी कोर्ट के स्पेशल जज रह चुके सुधीर परमार को केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने किया गिरफ्तार।

केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए न्याययिक सेवा से जुड़े जज को ही भ्रष्ट्राचार के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है । जांच एजेंसी द्वारा जज की गिरफ्तारी (ED arrested Judge Sudhir Parmar in M3M case ) अपने आप में एक बेहद बड़ी और चौंकाने वाली खबर है , हालांकि इस मामले में ईडी के द्वारा औपचारिक तौर पर इस गिरफ्तारी पुष्टि कर दी गई है । जांच एजेंसी द्वारा इस केस में अब तक कुल चार आरोपियों को गिरफ्तार ( ED has arrested 4 accused including M3M Directors and Judge Nephew Ajay Parmar in M3M Case ) किया जा चुका है ।

ईडी के विशेष सूत्र के मुताबिक पिछले कुछ दिनों पहले ही जांच एजेंसी द्वारा आईईआरओ नाम की कंपनी के मालिक ललित गोयल को गिरफ्तार कर लिया है । जांच एजेंसी के वरिष्ठ सूत्र के मुताबिक कथित तौर पर सीबीआई और ईडी कोर्ट के जज ( allegedly bribing a CBI/ED Judge Sudhir Parmar ) को घूस देने के आरोप में ललित गोयल को गिरफ्तार किया गया है। जज को घूस देने का आरोप वाला मामला अपने आप में बेहद संगीन है , लिहाजा इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच एजेंसी द्वारा इस मामले की शुरुआती तफ्तीश के बाद कार्रवाई को अंजाम दिया गया और कारोबारी ललित गोयल को गिरफ्तार कर लिया गया है

जज के सेटिंगबाज भतीजे की भी हो चुकी है गिरफ्तारी

जांच एजेंसी ईडी के द्वारा ईडी कोर्ट के जज रहें सुधीर परमार के भतीजे अजय परमार के खिलाफ 13 जून को नामजद करने के बाद अगले ही दिन उसे गिरफ्तार कर ली थी , अजय परमार बहुत ही पावरफुल आरोपी रहा है ,जब जांच एजेंसी को अजय परमार का सीधे तौर पर उसकी भूमिका उसके चाचा और न्याययिक सेवा में कार्यरत रहें सुधीर परमार का नाम सामने आया तब उसके खिलाफ कार्रवाई करने से पहले तमाम सबूतों और दस्तावेजों को कई बार खंगालने और सतर्कता से तफ्तीश को आगे बढ़ाया गया ,जांच एजेंसी के मुताबिक भतीजे के मार्फत लाभ लेने का आरोप लगा था , आरोपी अजय परमार गुरुग्राम की बिल्डर कंपनी M3M कंपनी में लीगल सलाहकार पद पर कार्यरत था ,उसके बदले उसे अच्छी खासी कंसल्टेंसी फि कंपनी के द्वारा दिया जाता था , हालांकि सूत्र तो ये भी बताते हैं की जब M3M कंपनी का मामला कोर्ट पहुंचा तो उस वक्त अजय परमार की कंसल्टेंसी फि कई गुणा ज्यादा बढ़ गई थी, लिहाजा इस मनी लॉन्ड्रिंग के मामले को विस्तार से खंगाला जा रहा है ।

जज को लाभ देने का आरोप M3M नाम की कंपनी समूह के मालिक के रूप बंसल , पंकज बंसल और बसंत बंसल के इशारे पर एक सिटिंग जज को कथित तौर पर लाभ पहुंचाने का आरोप लगा था , हालांकि उन दोनों बंसल कारोबारियों की गिरफ्तारी (ED had earlier arrested M3M’s directors Basant Bansal and Pankaj Bansal) जांच एजेंसी द्वारा हो चुकी है ।

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