कल सरगुजा ज़िले के मुख्यालय अंबिकापुर में छत्तीसगढ़ के भाजपा प्रभारी ओम माथुर समेत भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और नितिन नवीन ने यहाँ के भाजपा के कार्यालय में अंबिकापुर की सीट के लिए कोर समिति के सदस्यों से प्रत्याशियों के नाम मांगे।
सूत्रों के अनुसार बैठक के शुरू से ही एक ज़मीनी कार्यकर्ता ने ज़िले में भाजपा संगठन की लचर और संदिग्ध कार्यप्रणाली से एक ज़िम्मेदार को अवगत कराया। साथ ही जब छत्तीसगढ़ के भाजपा प्रभारी ओम माथुर जो कि बेहद अनुभवी हैं उनकी पारखी नज़रों ने समझ लिया कि ज़िले में भाजपा का संगठन जो काम करना था वो नहीं कर रहा है। कुछ लोगों ने ‘पहल’ को नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सरगुजा के भाजपा प्रभारी ज्योति नंद दुबे जो कि प्रदेश कार्य समिति के सदस्य हैं इनसे जब माथुर जी ने कुछ सवाल किए तो ये अगल बगल मुँह ताकते हुए मौनी बाबा बन गए जिससे ज़मीनी स्तर पर इनके कार्य कलाप की पूरी पोल खुल गई।
इसके बाद रामविचार नेताम, अनिल सिंह मेजर जैसे वरिष्ठ भाजपा नेताओं के सामने ही बाहर निकलते ही अंबिकापुर के भाजपा नेता विद्यानंद मिश्रा जो कि मंडल अध्यक्ष भी रह चुके हैं इन्होंने ज्योति नंद जी की ज्योति को सबके सामने ही बुझानी शुरू कर कहा कि मंडल अध्यक्ष रहा इसके बाद भी मीटिंग में नहीं बुलाया गया एक बार बात तक नहीं की साथ ही यहाँ तक कह दिया कि कहाँ गया सेवा करने वाला?
इसी बीच किसी बुजुर्ग ने रामविचार नेताम से भी संगठन की शिकायत कर डाली बड़ी मुश्किल से अनिल सिंह मेजर ने मामले को संभाला लेकिन विद्यानंद का आक्रामक रूख जिसने भी देखा सभी कहते सुने गए कि पवन साय ने भाजपा के संगठन की दुर्दशा कर दी वो तो भला हो केंद्रीय संगठन का कि ओम माथुर और अरुण साव व नितिन नवीन स्वयं आम कार्यकर्ता से मिलकर अपनी निगाहें हर ज़िले में रख रहे हैं वरना इस बार भी भाजपा जिसमें उत्साह का संचार हुआ है वो काश पहले ही हो गया होता।