एक ओर राहुल गांधी कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे हैं वहीं असम के कांग्रेस के योग्य व युवा नेता जो कि असम कांग्रेस के महासचिव रहे उन्होंने बहुत गंभीर आरोप लगाते हुए पद और पार्टी दोनों को ही त्याग दिया है।देखिए क्या क्या लिखा है असम के कमरूल हसन चौधरी ने।
कांग्रेस पार्टी के विभिन्न पदों पर रहकर मुझे कार्य करने का अवसर देने के लिए श्रीमती सोनिया गांधी सहित सभी कांग्रेस नेताओं का आभार व्यक्त करता हूं।इस समय मैं सादिया से लेकर धुबरी तक के अपने सभी शुभचिंतकों और युवा मित्रों का आभार व धन्यवाद व्यक्त करता हूं जिन्होंने मुझे अपने सामाजिक कार्यों के लिए सलाह दी।काॅटन काॅलेज,गुवाहाटी विश्व विद्यालय,असम विश्व विद्यालय,दिल्ली विश्वविद्यालय,बी बरूआ काॅलेज और अन्य कई शिक्षण संस्थानों के साथ साथ सभी साथियों,बड़ों और छोटों का आभार और धन्यवाद जिन्होंने मुझे अच्छा और बुरा दोनों समय खड़े रहे।लेकिन पार्टी में चल रही अंतरंगता और अनुशासनहीनता के कारण पार्टी जनता की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करने में विफल रही है और इस संदर्भ में मेरे लिए टीम के सदस्य के रूप में काम करना असंभव हो गया है।
इसलिए आज मैंने असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव के साथ साथ कांग्रेस पार्टी के आम सदस्य के पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है।सामाजिक जीवन के आगामी दिनों में आप लोगों से बहुमूल्य एवं रचनात्मक सुझाव प्राप्त होते रहे।
देखना ये है कि गुलाम नवी आज़ाद जैसे दिग्गज नेता के बाद एक अपार संभावना वाले इस युवा के कांग्रेस छोड़ने को लेकर राहुल गांधी गंभीर होंगे या नहीं?
भारत की सबसे बड़ी पार्टी रह चुकी कांग्रेस में अंदरूनी कलह को गांधी परिवार दूर कर पाएगा या पार्टी का विघटन यूं ही जारी रहेगा ये तो आने वाला समय ही बता पाएगा।परंतु एक बड़ी राष्ट्रीय पार्टी के लिए इस तरह समर्पित लोगों का पार्टी से मोहभंग शुभ संकेत तो कतई नहीं है।