एक देश एक चुनाव पर बड़ा कदम।

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनाई गई है समिति।

भारत सरकार ने बनाई समिति और जैसे ही ये ख़बर आई विपक्ष ने ज़ोर शोर से इस पर विरोध जताना शुरू कर दिया है।

समिति इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर विचार कर देगी अपनी रिपोर्ट।

अलग अलग चुनाव यानि विधानसभा व लोकसभा चुनाव के लिए काफी खर्च होता है क्योंकि सुरक्षा बलों को भी अलग अलग भेजना पड़ता है।

केंद्र सरकार का तर्क है कि एक साथ चुनाव कराने पर समय, धन और कई चीजों की सहूलियत होगी।

वहीं अब आगामी विधानसभा चुनाव कुछ बड़े राज्य में नवंबर को संभावित हैं जबकि लोकसभा चुनाव मई में होंगे ऐसे में इन राज्यों की सरकार जैसे छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश राजस्थान जैसे राज्य में क्या विधानसभा भंग भी की जा सकती है जबकि कई क़ानूनी पहलू भी हैं जिसे लेकर विपक्ष आशंकित है।

sources – the committee will speak to state stakeholders .. this does not mean the bill may come in this session itself .. the committee will take legal and political opinion .. two retired judges expected to be in the committee as well .. as it’s a constitutional amendment

कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि सरकार की नियत साफ़ नहीं है।सपा ने केंद्र सरकार पर तंज करते हुए कहा है कि ये सरकार डरी हुई है इसलिए ये सब कर रही है।

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