दो दिन से सुबह सूरज की किरणों के साथ जब छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर और उत्तर प्रदेश के कई लोगों का एक साथ कदम से कदम मिलाकर अंबिकापुर रेणुकूट रेलमार्ग के लिए चेतना पदयात्रा पर लोगों की नज़रें अपने आप ही टिक जाती हैं।
सर्व दल व सामाजिक संगठन के लोगों ने कदम से कदम मिलाते हुए चेतना पदयात्रा शुरू की तो सबकी उम्मीद भरी नज़रें इस पर टिक गईं।दो राज्यों व कई ज़िलों को जोड़ने वाले इस रेलमार्ग की मंज़ूरी आर्थिक, यातायात व पर्यटन जैसे क्षेत्रों में एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा।
यह यात्रा उत्तर प्रदेश के रेणुकूट रेल्वे स्टेशन पर अंबिकापुर से गए कई लोगों के साथ यूपी से समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव गौड राबर्टसगंज के विधायक भूपेश चौबे रेल मंत्रालय के सदस्य श्रीकृष्ण गौतम की उपस्थिति में शुरू हुई।रेणुकूट से यह चेतना पदयात्रा मार्ग पर पड़ने वाले पूरे चिन्हांकित स्टेशनों से होते हुए अंबिकापुर में विशाल आम सभा का रूप लेते हुए पूरी होंगी।
सरगुजा रेल संघर्ष समिति के तत्वावधान में यह यात्रा हो रही है जिसकी परिकल्पना अंबिकापुर शहर के दो युवक मुकेश तिवारी और आलोक कुमार ने की जबकि इसके लिए अविभाजित मध्यप्रदेश के भाजपा से पूर्व विधायक देवेश्वर शरण सिंह ने पूरा मार्ग दर्शन किया साथ ही डिप्टी सीएम टी एस सिंहदेव ने इसे पूरा समर्थन दिया है। वहीं नगर के सामाजिक संगठन के लोग भी इस मामले पर कदम से कदम मिलाकर इस चेतना यात्रा में शामिल हो रहे हैं।
अंबिकापुर रेणुकूट रेलमार्ग के लिए चेतना पदयात्रा के संयोजक अंबिकापुर के भाजपा पार्षद मनीष सिंह कहते हैं कि “ ये यात्रा अब दो राज्यों के लिए जनआंदोलन बन चुकी है। राजनीति से ऊपर उठकर आमजन के हित व सुविधा के लिए इस रेलमार्ग के परिचालन के लिए जिस तरह दो राज्यों के लोग मुखर होकर सामने आ रहे हैं वो सुखद अनुभव है।”
वहीं इस रेलमार्ग के लिए लगातार कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने और हर संबंधित विभाग से काफी समय से लगातार पत्राचार कर रहे सरगुजा के दो युवक मुकेश तिवारी और आलोक कुमार ने इसके लिए लंबी जानकारी व तथ्य लगातार जुटाए जिसके लिए अंबिकापुर में अविभाजित मध्यप्रदेश के समय भाजपा के विधायक रह चुके देवेश्वर शरण सिंह ने भरपूर सहयोग किया।
अब ये चेतना पदयात्रा सभी वर्ग,समस्त जन के लिए एक ऐसा सुखद सपना है जिसे वो खुली आँखों से पूरा होते देखने की उम्मीद पूरे विश्वास के साथ कर रहे हैं।
इस रेलमार्ग से छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के बीच की दूरी बहुत कम समय में कम खर्च में सुविधाजनक रूप से तय की जा सकेगी।इससे रेल्वे को भी बढ़िया रेवेन्यू मिलेगा साथ ही व्यापार में भी वृद्धि होगी।