ये दृश्य अंबिकापुर में भाजपा की परिवर्तन यात्रा का है।

छत्तीसगढ़ में भाजपा की परिवर्तन यात्रा की शुरुआत बस्तर संभाग से हुई और वहाँ इस परिवर्तन यात्रा में जमकर भीड़ उमड़ी।इसके बाद सरगुजा संभाग के जशपुर ज़िले से जब परिवर्तन यात्रा की शुरुआत हुई तब यहाँ भी लोग जुटे जिससे भाजपा के नेता और संगठन के लोग उत्साहित दिखे मगर जैसे ही ये सरगुजा ज़िले के सीतापुर व लुंड्रा विधानसभा सीट के क्षेत्र से होते हुए अंबिकापुर पहुंची वैसे ही भीड़ गायब होती गई।

अंबिकापुर के सभा स्थल पर तो कुर्सियाँ इस तरह खाली दिखीं जैसे ये सभा समाप्त होने का दृश्य है।

सभा स्थल पर खाली कुर्सियाँ सरगुजा ज़िले में भाजपा की खस्ता हालत बताने के लिए पर्याप्त है।

सरगुजा की अंबिकापुर सीट से भाजपा की टिकट के लिए कुछ प्रत्याशी एड़ी चोटी का ज़ोर लगा रहे हैं ये उन प्रत्याशियों पर भी एक प्रश्न चिन्ह है कि टिकट की दावेदारी करने का माद्दा रखने वाले जब भीड़ ही नहीं जुटा पा रहे हैं तो वो चुनाव कैसे लड़ पायेंगे।

वैसे भी सरगुजा ज़िले में भाजपा की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है और ये सब अब सब लोग देख चुके हैं ऐसे में ज़िले के भाजपा संगठन पर गंभीर प्रश्न भी लगने स्वाभाविक हैं।ज़िले में भाजपा ने कांग्रेस के दिग्गज टी एस सिंहदेव का विरोध तो छोड़िए उनके साथ के कांग्रेस नेताओं तक का विरोध करने का साहस नहीं किया जबकि मुद्दे कई हैं।

अब देखना ये है कि सरगुजा ज़िले की तीन सीटें जिसमें ज़िला मुख्यालय अंबिकापुर भी है यहाँ भाजपा किस तरह चुनाव में खड़ी हो पाएगी।

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