ऐसा होगा मां महामाया मंदिर का खूबसूरत प्रवेश द्वार मगर महामाया पहाड़ को उजाड़ रहे लोगों पर कोई बात न करना अब लोगों को नागवार गुजर रहा है।

अंबिकापुर शहर की पहचान मॉँ महामाया मंदिर के कारण दूर दूर तक है।

पूरे देश के कई जगहों से लोग इस शक्ति पीठ का दर्शन करने आते हैं।

कल छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव मॉं महामाया मंदिर के भव्य प्रवेश द्वार का भूमिपूजन करेंगे जो काफी आकर्षक व भव्य होगा लेकिन द्वार तो कृत्रिम है जो कभी भी बनाया जा सकता है परंतु मॉं के मंदिर के समक्ष जो पहाड़ है इसे सबके सामने धीरे धीरे नष्ट किया जा रहा है और तो और इसके नीचे एक बड़ा सा स्कूल तक इसका अवैध खनन कर बनते रहा जिस पर यहाँ के जनप्रतिनिधि मौन हैं।

गंभीर मुद्दे पर आवाज़ उठती रही लेकिन ये आवाज़ यहाँ के विधायक समेत विपक्ष को भी सुनाई नहीं दी ये बेहद गंभीर व बड़ा प्रश्न है।

प्रकृति प्रदत्त ये पहाड़ जो प्रत्येक वर्ग, समुदाय को सालों-साल से स्वच्छ ऑक्सीजन दे रहा है इसे संवारने की बजाय यहाँ के जनप्रतिनिधि धृतराष्ट्र बनकर उजड़ते देख रहे हैं जो बहुत ही कष्ट प्रद और गंदी राजनीति का द्योतक है ये स्वच्छ शहर अंबिकापुर के लिए दाग़दार धब्बे से कम नहीं है।

‘पहल’ के माध्यम से इस मुद्दे को लगातार उठाया जाता रहा इसके बाद भी पहाड़ के अवैध खनन पर पूरी तरह रोक नहीं लगी जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।

पूर्व की भाजपा सरकार व ज़िम्मेदार अधिकारी भी इस मामले में पूरी तरह दोषी हैं क्योंकि ये दुर्दशा सबके सामने होती रही। पूर्व कलेक्टर संजीव कुमार झा के समय यहाँ धड़ल्ले से अतिक्रमण में तेज़ी आई और उन्हें बताने पर भी कोई संज्ञान न लेना सीधे तौर पर संविधान के अनुसार बने नियमों की अनदेखी करना ही रहा।

काश दोनों ही दल कांग्रेस व भाजपा अपनी ज़िम्मेदारी समझ इस पर कोई संयुक्त ‘पहल’ कर महामाया पहाड़ को संवारने का काम करते तो ये एक सच्चा प्रायश्चित होता। पराशक्ति और उनसे जुड़े धरोहरों के संबंध में गंदी राजनीति से उठकर समर्पण के साथ काम करना चाहिए साथ ही नक्कारे वन विभाग के ज़िम्मेदार लोगों पर भी कड़ी कार्यवाही तय कर एक स्पष्ट संदेश देना चाहिए।

अब एक नज़र कांग्रेस की प्रेस विज्ञप्ति पर ।

प्रेस विज्ञप्ती
बुधवार 27 सितंबर को उपमुख्यमंत्री श्री टी एस सिंहदेव माँ महामाया मंदिर के प्रवेश द्वार का भूमिपूजन करेंगे। करीब 50 लाख रुपय की लागत से 50 फिट चौडे और 25 फिट उॅंचे भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण नगर पालिक निगम अम्बिकापुर के द्वारा कराया जा रहा है। पूर्व में सद्भावना चौक से महामाया मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग पर प्रवेश द्वार मौजूद था, लेकिन एक सडक दुर्घटना में यह ध्वस्त हो गया था। करीब 1 वर्ष पूर्व श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष शफी अहमद जी ने साथी पार्षदों के साथ एक भव्य प्रवेश द्वार के लिए पहल प्रारंभ किया था एवं अपने पार्षद निधी को इस हेतु व्यय करने का प्रस्ताव दिया था। इस पहल ने पूरे शहर के निवासियों नये प्रवेश द्वार के साथ ही मंदिर तक भव्य कॉरिडोर के निर्माण के लिए एकजुट किया। इस परिपेक्ष्य में औषधीय पादप बोर्ड के अध्यक्ष श्री बालकृष्ण पाठक जी के निवास पर सर्व समाज की बैठक में इसपर सहमति बना कर अम्बिकापुर के महापौर डॉ अजय तिर्की को प्रशासकीय प्रक्रिया पूर्ण करने का अनुरोध किया। उनके व नगर निगम के प्रयास से भव्य द्वारा का ड्राइंग डिजाइन व बजट तैयार हुआ।उपमुख्यमंत्री श्री टी0एस0 सिंहदेव के पहल पर नगरीय प्रशासन विभाग के द्वारा इस हेतु लगभग 49.30 लाख रुपए स्वीकृत किये हैं। इस भव्य द्वार के भूमिपूजन के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रवेश द्वार मॉं महामाया मंदिर मार्ग के सौदर्यीकरण की शुरुआत भर है। उन्होंने कहा कि द्वार के आगे के मार्ग पर कॉरीडोर के साथ ही सडक किनारे फटपाथ का निर्माण होगा और लाईटिंग का काम होगा।
संचार विभाग
जिला कांग्रेस कमेटी, सरगुजा

जनता सब देख समझ रही है ये राजनैतिक दलों को समझना चाहिए वहीं यहाँ के भाजपाई भी इस पहाड़ के लिए कोई बड़ा आंदोलन खड़ा करने में और अमूल्य धरोहर को बचाने में बेवश क्यों बने रहे ये भी एक यक्ष प्रश्न है।

By admin

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