वनोपज आदिवासी समुदाय का मुख्य आर्थिक स्रोत है।छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज के लोग तेंदू पत्ता,महुआ,कोदो बांस जैसे वनोपज पर काफी हद तक निर्भर हैं लेकिन तेंदूपत्ता में बोनस न मिलने से आदिवासी समाज काफी आक्रोश में है। सर्वप्रथम तेज़तर्रार बालमुकुन्द शर्मा ने ये मामला ज़ोर शोर से उठाया और इस पर केंद्रीय संगठन ने संज्ञान लेकर इसे मोदी शाह की रैली में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार के विरूद्ध भाजपा ने मुख्य मुद्दा बना डाला।
बस्तर संभाग के कांकेर ज़िले में बोनस न मिलने पर चुनाव बहिष्कार की बात भी आदिवासी कर रहे हैं।
हालाँकि प्रियंका गांधी ने इस मामले में पहल की है लेकिन आज आचार संहिता लागू होने के पहले ही भाजपा के आईटी सेल ने ये वीडियो जारी कर आदिवासी समाज के बीच इसे प्रचारित करना शुरू कर दिया है।
देखना ये है कि दोनों दल अपने घोषणा पत्र में इस गंभीर मुद्दे को किस तरह आमजन के बीच ले जाते हैं।

भाजपा का यह विज्ञापन और यह वीडियो यह संकेत दे रहा है कि नवंबर 2023 में होने वाले छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा तेंदु पत्ता संग्रह कर्ताओं को चुनावी मुद्दा बनाने जा रही है।


यह अलग बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तेंदूपत्ता मामले को अपने रैली में जोर-जोर से उठाया लेकिन छत्तीसगढ़ के निर्वाचित भाजपा के सांसद और भाजपा के विधायक और भाजपा के प्रदेश पदाधिकारी और भाजपा का मीडिया सेल मौन रहा यह बस्तर संभाग व सरगुजा संभाग में आदिवासियों के बीच चर्चा का विषय है।

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