सरगुजा का चिरगा।ये जगह पिछले दो वर्षों से अचानक ही संवेदनशील क्षेत्र हो गया है। जी हां संवेदनशील इसलिए क्योंकि यहां के निश्छल और प्रकृति प्रेमी ग्रामीण जन हज़ारों की संख्या में लगातार यहां पर एल्यूमिनियम प्लांट के नाम पर कई सौ एकड़ भूमि के बहुत ही चालाकी पूर्वक अधिग्रहण किए जाने का जबरदस्त विरोध कर रहे हैं।
आश्चर्य कि सरगुजा संभाग से कांग्रेस के तीन मंत्री और भाजपा से दो सांसद ( रामविचार नेताम का कार्यकाल अभी ही खत्म हुआ है पर उस समय ये भी कुछ कर सकते थे ) इन हज़ारों ग्रामीणों का दर्द ही महसूस नहीं कर पा रहे या करना ही नहीं चाहते।
अभी हाल ही में प्लांट के लिए भूमि अधिग्रहण करने में लगे प्लांट को स्थापित करने वाले धनाढ्य ने अपने गुंडों को भेजकर यहां के लोगों में दहशत पैदा करने की कोशिश की मगर सोशल मीडिया की ताकत से अनजान इस धनी और बाहुबली उद्योग पति को क्या पता था कि ये दांव उल्टा पड़ जाएगा।इसके गुंडे को पकड़ कर आक्रोशित ग्रामीणों ने पहले तो इसकी ठुकाई की फिर इसकी जेब से धारदार चाकू निकलवाकर इसका वीडियो बनाया।ग्रामीणों का कहना है कि
एल्मुनियम प्लांट वाला क्षेत्र में आतंक फैला रहा है , बाहर और स्थानीय गुंडों से ग्रामीणों को रोज पिटवा रहा है। प्लांट मालिक के सैकड़ों गुंडे ग्रामीणों को जान से मारने की धमकी दे रहे है,कल जो घटना हुई उसमे प्लान्ट के लठैत ग्रामीण को मारने गए थे हथियार लैस हो कर पर दांव उल्टा हो गया।
वीडियो देखे
ग्रामीणों ने जिसे मारा उस प्लांट के गुंडे के जेब से क्या निकला।
यहां हालात किस कदर बिगाड़े जा रहे हैं ये साफ देखा जा सकता है।
अक्टूबर 2021 में सरगुजा सांसद श्रीमती रेणुका सिंह जब इन ग्रामीणों के बीच पहुंचकर उनके साथ खड़े होकर समाधान निकालने का जोर शोर से दावा कीं तो इन मासूम ग्रामीणों की आंसू से भरी आंखें खुशी से भी डबडबा उठीं।पर उन्हें क्या पता था कि आज के राजनेताओं में संवेदना भी मौकापरस्त हो चुकी है।
तब से अब तक और नेताओं की तरह खुद को हर उपलब्धि का श्रेय लेने वाली सरगुजा सांसद श्रीमती रेणुका सिंह भी इन ग्रामीणों के साथ इस मुद्दे पर दुबारा नज़र नहीं आईं।इसके पीछे का कारण क्या है? क्या इन हज़ारों लोगों को एक सोची समझी चाल के तहत कमजोर कर कई सौ एकड़ ज़मीन को विकास के नाम पर हथियाने के षड्यंत्रकारी पर कोई संगठन या कोई पार्टी संज्ञान क्यों नहीं लेती?
ये बेहद ही गंभीर प्रश्न है यहां तक कि सरगुजा में विपक्ष में बैठे भाजपाईयों का क्या कर्तव्य होना चाहिए,क्या ये भी उन्हें बताने की ज़रूरत है।
आज हर दल के नेता अपने को प्रकृति से भी ऊपर समझने की भूल कर विकास के नाम पर इस तरह भूमि हथियाने की मुहिम पर यदि मौन हो जायेंगे तो इन ग्रामीणों की जल,जंगल और ज़मीन की रक्षा तो होगी नहीं अपितु प्रकृति से भरपूर इस सरगुजा संभाग में भी सब के सब आने वाली पीढ़ी को प्रकृति के प्रकोप की विरासत ही देकर जायेंगे।
काश इन ग्रामीणों की संवेदना को हम सब संवेदनशील होकर समझ सकें क्योंकि इसी में सबकी भलाई है।