वर्षीय कनक रानी दत्ता की’ ममता रूपी छाया से विहीन’ हुआ सरगुजा संभाग।
सीनियर सिटीजन आइकॉन 108 वर्षीय श्रीमती कनक रानी दत्ता जी का आज दोपहर डेढ़ बजे स्वर्गवास हो गया है।
श्रीमती कनक रानी दत्ता जनपद अंबिकापुर में अधीक्षक के पद पर कार्यरत स्वर्गीय निर्मल कान्त दत्ता की धर्मपत्नी थी, जिनकी मृत्यु 1984 में हो गई थी।
सीनियर सिटीजन आइकॉन 108 वर्षीय श्रीमती कनक रानी दत्ता जी अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गईं।
श्रीमती कनक रानी दत्ता, सुश्री वंदना दत्ता, स्वर्गीय निहार कान्त दत्ता, निखिल कान्त दत्ता, नीलाद्री कान्त दत्ता, निर्झर कान्त दत्ता, अल्पना सरकार, कल्पना मजूमदार एवं चंदना बोस की मां थीं।
ये अपनी समाज सेवी पुत्री सुश्री वंदना दत्ता के साथ अंबिकापुर में रहती थीं।कई सामाजिक,राजनैतिक,कर्मचारी संगठनों समेत तमाम लोगों ने इनके निधन को अपूरणीय क्षति बताया है।
बहुत ही संवेदनशील,कर्मठ और ऊर्जा से भरपूर रहीं श्रीमती कनक रानी दत्ता से मिलना ही किसी के भी जीवन में ऊर्जा का संचार कर देने जैसा अनुभव रहता था।उम्र के अंतिम पड़ाव तक उन्होंने मतदान किया।इसके लिए प्रशासन ने उन्हें आईकान भी बनाया था।
देखिए इनकी वोटर आईडी
अपने जीवन में वो हमेशा सक्रिय रहीं और सामाजिक कार्यों के लिए कईयों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनीं।
इनकी पुत्री सुश्री वंदना दत्ता के लिए ये सबसे बड़ा आदर्श थीं।इनकी प्रेरणा से ही इन्होंने सामाजिक कार्य किए जिसे वो आज भी अनवरत कर रही हैं।