त्यागपत्र की बाढ़!
यह तो होना ही था! छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने 4 -4 सलाहकार रखे मगर इनकी सलाह कभी कोई असर नहीं दिखा पाई बल्कि उल्टे लोग दबी ज़ुबान से कोसते ही दिखे!
सत्ता में सलाहकार बनते ही ये सब बंद कमरे से ही रणनीति बनाने की क्वायद करते रहे यहाँ तक कि मीडिया में सरकार के विरोध में खबर चलाने पर एकदम अंकुश लगाने की भरपूर कोशिश की गई जिससे अंदरखाने इन सबका विरोध बढ़ता ही रहा!
सरकारी सुविधाओं का उपयोग कर इन सबकी सलाह का असर ऐसा हुआ कि कांग्रेस को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ गया!
1.. विनोद वर्मा मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार.
2.. रुचिर गर्ग मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार..
3.. राजेश तिवारी मुख्यमंत्री के संसदीय सलाहकार..
4.. प्रदीप शर्मा मुख्यमंत्री के पंचायत एवं ग्रामीण विकास सलाहकार!
ये सब नाम ” नाम बड़े और दर्शन छोटे ” साबित हुए!
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के त्यागपत्र देने के बाद उपरोक्त तो चारों सलाहकार ने मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन को अपना त्यागपत्र दे दिया!
मुख्य सचिव ने त्यागपत्र स्वीकार करते हुए छत्तीसगढ़ शासन के संपदा संचालक को निर्देश दिया कि उपरोक्त लोगों में से जितने को भी देवेंद्र नगर ऑफीसर्स कॉलोनी में मकान उपलब्ध कराया है उसे खाली करवाने की कार्रवाई तत्काल प्रारंभ करें!
उपरोक्त लोगों के अलावा ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष राजेंद्र तिवारी ने भी अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है!
इससे भाजपा को भी सबक लेना चाहिए कि इस तरह के सलाहकार और चापलूस नौकरशाह को चिन्हित कर उन्हें दूर ही रखे!