अडानी की खदानों के लिए सरगुजा के हसदेव अरण्य के हरे भरे जंगलों की निर्ममता से कटाई का दूसरा चरण आज से शुरू हो गया है!

इस विनाश लीला का ग्रामीण भरपूर विरोध कर रहे हैं मगर पढ़े लिखे और अपने को जननेता व राजनेता बताने वाले इस अन्याय का विरोध करने का साहस ही नहीं जुटा पा रहे!

अब देखना ये है कि जल जंगल ज़मीन की बात करने वाले आदिवासी समाज के लोगों की पीड़ा छत्तीसगढ़ के नए आदिवासी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय समझ पाते हैं या नहीं?

प्रशासन के अधिकारी भी न चाहते हुए पेड़ों की कटाई करवा रहे हैं क्योंकि धनकुबेर अडानी के आगे जब बड़े बड़े राजनेता भी नतमस्तक हैं तो प्रशासन की मजबूरी समझी जा सकती है!

बहरहाल ये विनाश सरगुजा ही नहीं अपितु पूरे छत्तीसगढ़ के लिए अभिशाप सिद्ध होगा क्योंकि इससे पर्यावरण पर बेहद खराब असर पड़ेगा!

सुबह से ही कई लोगों को पुलिस ने पहले ही हिरासत में ले लिया था जिससे स्थिति अनियंत्रित न हो मगर जल जंगल ज़मीन के लिए इन गांव वालों की लड़ाई का साथ देने के लिए देश भर से आवाज़ बुलंद हो रही है!

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