एक ओर अयोध्या में भगवान श्री राम का भव्य मंदिर बन रहा है जिसकी चर्चा देश विदेश में हो रही है वहीं दूसरी ओर भगवान राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पथ के जंगलों का विनाश देश के एक धनकुबेर अडानी की कोयला खदानों के लिए किया जा रहा है!इससे बड़े दुर्भाग्य की बात और क्या होगी कि इस धार्मिक आस्था और ऊर्जा से भरे तपभूमि रह चुके इन हरे भरे जंगलों का विनाश सरकार के संरक्षण में व्यापक स्तर पर चल रहा है!
छत्तीसगढ़ विधानसभा के चुनाव परिणाम 3 दिसंबर को आए
13 दिसंबर को मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह संपन्न हुआ छत्तीसगढ़ की बागडोर कांग्रेस के हाथ से निकलकर बीजेपी के हाथ आई
20 दिसंबर से जंगल की कटाई फोर्स के संरक्षण में और आंदोलन कार्यों को अज्ञातवास ले जाने और कुछ लोगों को गिरफ्तार लेने के बाद ढलने से आज भी जारी है!
फोर्स भी लगभग यहीं की ही है भविष्य में उनके बच्चों का भी इसी छत्तीसगढ़ के माटी में बचपन बीतेगा और इनका भविष्य बिना जंगलों के कैसा होगा ये सोच कर भी सिंहरन हो उठती है!जरा उसके बारे में भी सोचिएगा!
कांग्रेस सरकार जाएगी भाजपा सरकार आएगी उसके बाद फिर जनता ने बदलाव चाहा तो
भाजपा सरकार जाएगी और कांग्रेस सरकार आएगी लेकिन हम छत्तीसगढ़ के मतदाता और निवासी यही रहेंगे!
आज बस्तर संभाग की क्या स्थिति है जंगल कट रहे हैं नदियों में लाल पानी बह रहा है लोग आंदोलन कर रहे हैं लेकिन किसी के भी कान में जू नहीं रे ग रहा है लगभग केंद्रीय कानून के अनुसार आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासी नहीं खरीद सकते इसलिए नगरनार स्टील प्लांट की जमीन सरकार ने खरीदी की आदिवासियों से नगरनार स्टील प्लांट बनकर तैयार हो गया उत्पादन भी शुरू हो गया लेकिन केंद्र सरकार ने उसे बेचने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव पास कर लिया तो क्या जमीन का अधिग्रहण सिर्फ इसलिए सरकार ने किया कि उसे उद्योगपति नहीं खरीद सकते थे आदिवासियों से और अब उन्हें बेचने का प्रक्रिया भी लगभग अंतिम चरण में है!
राम वन गमन पथ का विनाश धड़ल्ले से जारी है और छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का महत्वपूर्ण बयान हसदेव में जो जंगल कटाई चल रही है वह कांग्रेस सरकार के आदेश जारी करने के बाद चल रही है!
अगर हजारों हेक्टर में वनों की कटाई का और पशु पक्षियों का हाथी का अन्य जानवरों के साथ आदिवासियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो क्या वर्तमान भाजपा सरकार सिर्फ पूर्व की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाकर चुप बैठ जाएगी क्या उसे स्थगित करने का आदेश जारी नहीं कर सकती?
विकास आवश्यक है मगर विनाश की शर्त पर नहीं! इस संगीन मुद्दे को लेकर कोई भी नेता मुखर होकर विरोध भी करने का साहस नहीं कर रहा क्योंकि मामला धनकुबेर का है! परन्तु प्रकृति का प्रकोप भयावह होता है ये हर एक को भली भांति समझना चाहिए अन्यथा एक मदमस्त धनकुबेर की अतृप्त लालसा इस राज्य के समेत अन्य राज्यों के लोगों के लिए भी निश्चित ही अभिशाप सिद्ध होगी इससे इंकार नहीं किया जा सकता है!