छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार के कार्यकाल में नित नए भ्रष्टाचार की कड़ी में भूपेश के खास सिपहसालार अमरजीत भगत के यहाँ आई टी की रेड के बाद जिस रेड की चर्चा सब जगह है वो है अंबिकापुर के सी ए एच एस जायसवाल के यहाँ हुई आयकर विभाग की!
पहले बात करें सी ए की फिर दोनों दल के कुछ नेताओं की इसके बाद कलेक्टरों के खेल की!
सरगुजा संभाग में किसी भी सी ए के यहाँ इतनी लम्बी कार्यवाही अभी तक नहीं चली थी लेकिन जब आयकर विभाग की टीम यहाँ आई तो तथाकथित रसूखदारों ने तो पहले हर तरह के हथकंडे अपनाये लेकिन इन सबको समझ में आ गया कि अब दाल नहीं गलने वाली है क्योंकि सूत्रों के अनुसार राज्य के बाहर से आयकर के एक कड़क अधिकारी की कड़कदार आवाज़ बार बार दूध का दूध और पानी का पानी करने का निर्देश दे कर पूरा अपडेट देते रहने का निर्देश दे रही थी!
अब जानिए बंगाली ज़मीन को बंगाली मिठाई की तरह जमकर खाने वाले चंद लोगों को जिन्हे भ्र्ष्टाचार की डायवीटीज हो चुकी है और अब आयकर विभाग डॉक्टर बन कर अपने अंदाज़ में इनका इलाज़ करने का मन बना चुका है!
इस बड़े घोटाले को कांग्रेस और भाजपा के कुछ नेता ( छोटे और समर्पित नेताओं को इस खेल की भनक तक नहीं लगती थी ) आपस में मिलकर अंजाम देते थे!
कई लोग दबी जुबां कह रहे हैं कि सी ए का खास एक भाजपा नेता गुप्ता अमरजीत भगत का भी करीबी था और कई बेनामी सम्पत्ति के खेल में शामिल है!भाजपा शासन काल में एक आई ए एस ने तो इसे सबके सामने लताड़ा था और मामला भी दर्ज़ किया था मगर बात आई गई हो गई!
अब इसी कड़ी में अपने कपड़ों की क्रीच को लेकर प्रसिद्ध एक और भाजपा नेता की जो कांग्रेस के नेताओं के साथ बकायदा खेल खेलते रहे और अमरजीत भगत के भी करीबी रह कर कांग्रेस सरकार में भी अपना काम आसानी से करवाने में सफल होते रहे!
इसी कड़ी में आयकर विभाग लगातार नेताओं के फेसबुक पर भी नज़र बनाये था मगर इन नेताओं को रोज़ रोज़ अपनी फेसबुक पर नई नई जगहों पर महंगे लिवास और बड़े होटलों पर मौज़ूद रहके अपनी फोटो चसपा करने की नादानी अब महंगी पड़ रही है!
एक सीए की पांच सितारा होटल में अपने घर की शादी की फोटो और वीडियो भी कई कड़ी को खुद साबित कर रही है वहीं एक ज़मीन दलाल जो हर महीने फ्लाइट से उड़ान भर कभी इधर तो कभी उधर पंक्षियों की तरह फुर्र फुर्र उड़कर अपनी फेसबुक पर अपने साथ कई लोगों की फोटो स्वयं पोस्ट कर कर के अपने करगुजारियों का प्रमाण दे डाला उसका इस तरह की ज़मीन में करोड़ों का काला धन बाजार में चलायमान है!
सरगुजा के सामाजिक कार्यकर्ता सुजान बिन्द ने पहल से कहा ” ये फ़र्ज़ीवाड़ा इतना हुआ कि जो ज़मीन शरणार्थी बंगालियों को भारत सरकार ने दी थी पुनर्वास के लिए लेकिन अब ये ज़मीन दलालों और भू माफियाओ के लिए फलता फूलता उद्योग बन चुकी है!”
“बंगाली जमीन के घोटाले में सभी कलेक्टरों की अहम भूमिका रही है छोटे तबके के लोग जो 5 से 15-20 डिसमिल जमीन लेकर वर्षों से निवासरत हैं उसपर कलेक्टरों ने कोई कार्रवाई नहीं की जबकि बंगालियों ने भारत सरकार द्वारा प्रदत्त दो एकड़, तीन एकड़, चार एकड़ यहां तक की पूरे जमीन को भू माफिया को बेंच दिए जिसे प्लाटिंग कर करके भू माफिया भारी कीमतों में बेच रहे हैं इसकी भी जांच की जानी चाहिए वही जो छोटे तबके लोग वर्षों से घर बना कर रह रहे हैं उसपर भी भू माफियों की नजर है जो जमीन मालिकों से मिलकर उनके जमीन को खरीदते हैं व प्रशासन के सह पर गुंडागर्दी कर उन्हें बेदखली करने की कोशिश भी करते हैं इसकी भी जांच होनी चाहिए.
अतःआपसे विनम्र निवेदन है की संदेश को गंतव्य तक पहुंचाने की महान कृपा करें!”
‘पहल’ इस मुद्दे की शिकायत पी एम ओ से भी कर रहा है क्योंकि कुछ कलेक्टर इसमें दोषी इसलिए हैं क्योंकि वो यहाँ से ट्रांसफर आदेश आने के बाद ही बंगाली ज़मीन के लिए परमिशन आनन फानन में देते हैँ और चलते बनते हैं! जी एस धनंजय जो यहाँ कलेक्टर थे उन्होंने तो रिकॉर्ड बना डाला साथ ही सरगुजा से अलग कर सूरजपुर बना और यहाँ की महिला कलेक्टर ने तो ताबड़तोड़ परमिशन देकर भूमाफियाओं की चांदी कर दी!
सूत्रों की माने तो संजीव कुमार झा ने भी मनपसंद लोगों को परमिशन दी!
लेकिन कई आई ए एस जो नियम कानून जानते हैँ वो इससे दूर रहने में ही भलाई समझे!लकड़ी कारोबारी के यहाँ आई टी की रेड हुई यहाँ भी पैनी नज़र है!
कई लोगों ने पहल को नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस फ़र्ज़ीवाड़े में प्रति एकड़ 20 से 30 लाख रूपये के कमीशन का खेल चलता है और भू माफिया हाथ पैर तोड़ने से लेकर जान से मारने तक की धमकी देकर कमजोरों से जबरन दबाब बना भी हस्ताक्षर करवा के अरबों का खेल खेल चुके हैँ जिसमें प्रशासन का पूरा सहयोग इन माफियाओ के साथ रहता हैं!