महामाया मंदिर के भव्य द्वार निर्माण पर अब प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं।
द्वार निर्माण के नाम पर 12 जून से मंदिर जाने के मुख्य मार्ग को बंद कर निर्माण का हवाला दिया गया लेकिन 15 दिन बीत जाने के बाद भी न तो निर्माण की प्रक्रिया चालू है न ही ढलाई हुई है।
इससे कई श्रद्धालु माँ महामाया के मंदिर में जाने के लिए घूम कर लंबी दूरी को तय कर रहे हैं वहीं मोहल्ले वालों को भी असुविधा हो रही है।
अंबिकापुर में माँ महामाया मंदिर के भव्य द्वार के लिए राजनैतिक श्रेय लेने के लिए भी दोनों दलों में होड़ लगी मगर उस समय के तत्कालीन विधायक व स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने इसके लिए नगर निगम से 50 लाख के टेंडर को करवाया साथ ही इसका पूजन भी किया।
लेकिन अब बेसुध नगर निगम और लापरवाह ठेकेदार की लापरवाही का ख़ामियाज़ा सबको भुगतना पड़ रहा है जिस पर कांग्रेस व भाजपा के तथाकथित नेता जो इसे मुद्दा बनाकर राजनीति की रोटी सेंकने में लगे थे उनके मुँह पर ताला लगा हुआ है।
भाजपा के वर्तमान अंबिकापुर विधायक भी इस परिदृश्य से ग़ायब हैं जबकि मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं में इसे लेकर भारी आक्रोश है।