सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुनाना शुरू किया

याचिकाकर्ताओं ने सिस्टेमेटिक विफलता का सवाल उठाकर दोबारा परीक्षा की मांग की है। कई राज्यो में इसे लेकर FIR भी दर्ज हुई है

परीक्षा में 180 प्रश्न होते हैं, जिनके कुल अंक 720 होते हैं और गलत उत्तर के लिए एक माइनस अंक होता है।

कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में, मुख्य मुद्दों पर विचार करते हुए, एनटीए, केंद्र और सीबीआई से हलफनामे मांगे थे। दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, बिहार, झारखंड में एफआईआर सीबीआई को हस्तांतरित किए जाने के बाद सीबीआई की भूमिका सामने आई है

CJI: दलीलें 4 दिनों से अधिक समय तक सुनी गई हैं। हमने सीबीआई के अधिकारी कृष्णा सहित सभी पक्षों को सुना है।

कोर्ट का निष्कर्ष

  • पटना, हज़ारीबाग में लीक हुआ, इसको लेकर कोई विवाद नहीं है
  • CJI- CBI ने हमारे निर्देश के मुताबिक स्टेट्स रिपोर्ट दखील की है

– CJI- CBI की जाँच के मुताबिक पेपर लीक की वजह से 155 ऐसे छात्र है जिन्हें गड़बड़ी का फायदा मिला है

CJI- CBI की जांच अधूरी ही है, इसलिए हमने NTA से ये स्पष्ठ करने को कहा था कि क्या गड़बड़ी बड़े पैमाने पर हुई है या नहीं। केन्द्र और NTA ने अपने जवाब में IIT मद्रास की रिपोर्ट का हवाला दिया है

कोर्ट- डेटा से ये नहीं लगता कि सिस्टिमिक ब्रीच हुआ है या पूरी परीक्षा की गरिमा प्रभावित हुई है

NEET परीक्षा दुबारा नहीं होगी

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
CJI–जिन लोगो ने गड़बड़ी का फायदा उठाया है, उनकी बेदाग कैंडिडेट से अलग कर पहचान कर पाना संभव है। आगे चलकर गड़बड़ी पाई जाती है तो भी उसका एडमिशन रद्द किया जा सकता है

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SC ने नीट की दुबारा परीक्षा कराने से इंकार किया

CJI- कोर्ट को लगता है कि इस साल के लिए नए सिरे से नीट यूजी परीक्षा आयोजित करने का निर्देश देना गंभीर परिणामों से भरा होगा, जिसका खामियाजा इस परीक्षा में शामिल होने वाले 24 लाख से अधिक छात्रों को भुगतना पड़ेगा.. और प्रवेश कार्यक्रम में व्यवधान पैदा होगा, चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा, भविष्य में योग्य चिकित्सा पेशेवरों की उपलब्धता पर असर पड़ेगा और वंचित समूह के लिए गंभीर रूप से नुकसानदेह होगा, जिसके लिए सीटों के आवंटन में आरक्षण किया गया था।

By admin

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