तस्वीर भी बयां करती हैं हालात।सूबे के मुखिया विष्णु देव साय और गृहमंत्री खड़े हैं जबकि भाजपा की लोकप्रिय पंडरिया की विधायक भावना बोहरा बैठी हुई नज़र आ रही हैं।

छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय शांत व्यक्तित्व के हैं विवादों से दूर ही रहते हैं।

मगर प्रोटोकॉल के तहत, यदि मुख्यमंत्री (सीएम) खड़े हैं, तो संबंधित अधिकारियों और व्यक्तियों का भी खड़े रहना अपेक्षित है।मान भी लिया जाए कि कार्यक्रम निजी है तो भी यदि एक संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति वो भी सूबे का मुखिया और साथ में गृहमंत्री खड़े हों और अन्य लोग भी खड़े हों जबकि लोकप्रिय विधायक बैठी हों तो ये संस्कार की बात करने वाली पार्टी भाजपा के लिए तो कहीं से उचित प्रतीत नहीं होती।

उम्र में बडों का सम्मान भी अपनी संस्कृति है।

किसी व्यक्ति का बैठे रहना प्रोटोकॉल का उल्लंघन माना जाता है और इसे अनादर के रूप में देखा जा सकता है।

यह स्थिति अनौपचारिकता और अनुशासनहीनता को दर्शाती है, जो प्रशासनिक और सामाजिक मानकों के खिलाफ है।

प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करने से अनुशासन और सम्मान बनाए रखने में मदद मिलती है।
पंडरिया विधायक भावना बोहरा आनंद से बैठे हुए हैं।

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