संघ प्रमुख मोहन भागवत-

2000 साल से विश्व अहंकार के भाव से चला है

माइक्रोस्कोप और टेलीस्कोप के ज़रिए दिखने वाली चीज ही सत्य है ऐसा नहीं है।

साइंस का भी एक दायरा उसके आगे कुछ नहीं है ऐसा नहीं है।

मोहन भागवत ने एक दिलचस्प बात बताई कहा

‘नीम करौली बाबा को एक बार विदेशी एक बोतल ड्रग्स लेकर आए उन्होंने पी लिया विदेशियों ने सोचा अब तो मर गए लेकिन घंटे भर बाद भी वो कहते रहे नो इश्यू।”

लेकिन इसका और साइंस का कोई विरोध नहीं है
साइंस कहता है जानो तब मानो
आध्यात्म भी यही कहता है उसका साधन मन है
कण है या ऊर्जा हम नहीं देख पाते हैं अब हमे दूसरा साधन खोजना पड़ेगा जो प्रकाश के वेग से ज़्यादा हो वो हम खोज नहीं पाए हैं

तो हम मन से जान सकते हैं इसके लिए हमें वेदों का अध्ययन करना पड़ेगा
श्रद्धा योग्य साधन से ही ग्यान मिलेगा

कच्चा अहंकार से पार जाना पड़ेगा श्रद्धा होना चाहिए..अंध श्रद्धा का कोई स्थान नहीं है जानों फिर मानों श्रद्धा में भी है

श्रद्धा और नम्रता चाहिए..बिना जाने मत मानों
आधुनिक साइंस कई जगह अप्लाई होता है वैसे ही हमारा आध्यात्म कई जगह अप्लाई होता है

इसीलिए हम लोग अहंकार से दूर रहकर जीते हैं इसीलिए हम सत्य समझ पाए

विश्व में भारत अपना कर्तव्य पूरा करें ये किताब हमें समझाती है

हेडगेवार जी से श्यामप्रसाद मिलने गए
श्यामा प्रसाद ने बोला कि राजनीति के बारे में संघ की क्या भूमिका..हेडगेवार ने बोला
संघ चालू राजनीति में नहीं आती है..

भारत के पास प्राण शक्ति है विश्व की ताक़त बनने की लेकिन हम पर 500 साल का प्रभाव है हम देख नहीं पा रहे हैं

बनाएं जीवन प्राणवान नाम की किताब के विमोचन के मौक़े पर मोहन भागवत ने कहा।

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