सरगुजा में भ्रष्टाचार के एक और बड़े मामले का खुलासा आरटीआई एक्टिविस्ट के द्वारा किया गया है जिसमें दो दो विभाग ने कार्य पूरा होने से पहले ही फर्जीवाड़ा कर भुगतान कर दिया इतना ही नहीं काम में डिजाइन के विपरीत भी काम कर के रूपए हजम कर लिए।अब शिकायत पर प्रधानमंत्री कार्यालय से आदेश आया है और जांच के आदेश दिए गए हैं।
🙏 प्रेस विज्ञप्ति🙏
प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुभाग अधिकारी एवं कमिश्नर ने दिया जांच का आदेश
मामला
घुई रोड से पोकसरी एवं बेलजोरा से होकडोपारा सड़क निर्माण घटिया करने एवं ड्राइंग डिजाइन के विपरीत निर्माण कर शासकीय राशि का गबन करने के संबंध में
मामला घुई रोड से पोकसरी एवं बेलजोरा से होकडोपारा सड़क निर्माण घटिया करने एवं ड्राइंग डिजाइन के विपरीत निर्माण करने तथा शासकीय राशि को फर्जी एमबी एवं अन्य दस्तावेज तैयार कर गबन करने के संबंध में डॉक्टर डीके सोनी अधिवक्ता एवं आरटीआई कार्यकर्ता के द्वारा दिनांक 11/11/2024 को
एक शिकायत आवेदन मैं दस्तावेज सहित आयुक्त सरगुजा संभाग अंबिकापुर एवं प्रधानमंत्री कार्यालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था जिसमें यह उल्लेख किया गया कि कार्यपालन अभियंता ग्रामीण विकास संभाग कार्यालय के द्वारा ठेकेदार अशोक कुमार अग्रवाल को मुख्यमंत्री ग्राम गौरव पथ योजना के अंतर्गत वर्क आर्डर क्रमांक 751 दिनांक 2/9/2023 को पैकेज नंबर MMGGPY-SRG-03
जिसमें 1.घुई रोड से पोकसरी एवं बेलजोरा से होकडोपारा मैनपाट का वर्क ऑर्डर जिसकी टेंडर राशि 115.62 लाख रुपए थी एवं उक्त ठेकेदार अशोक कुमार अग्रवाल को 16.99 % below राशि दर से प्रदान किया गया था जो 97.79 लाख रुपए हैं जिसका एग्रीमेंट नंबर 18-MMGGPY/2023-24 दिनांक 2/9/2023 तथा उक्त कार्य को पूर्ण काटने की अवधि वर्षा ऋतु को सम्मिलित कर 6 महीने की है।
उपरोक्त दोनों कार्यों की पूर्णता प्रमाण पत्र कार्यपालन अभियंता ग्रामीण विकास विभाग संभाग CGRRDA अंबिकापुर जिला सरगुजा के द्वारा प्रमाण पत्र क्रमांक 1362/SAC/CGRRDA/2024
दिनांक 12/3/2024 को प्रदान की गई है संबंधित ठेकेदार के द्वारा उपरोक्त कार्यो में भारी अनियमितताएं की गई है एवं बिना कार्य पूर्ण किए ही पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया जो कि मौका स्थान पर जाकर प्रमाणित है।
उपरोक्त पैकेज के निर्माण कार्यों में ठेकेदार के द्वारा संबंधित अधिकारीयों को प्रभावित करके उनके साथ सांठगांठ कर फर्जी एमबी बनाकर कार्य का लेख किया गया है तथा स्टीमेट तथा ड्राइंग डिजाइन के अनुसार कार्य नहीं कराया गया है जो कि मौका स्थल पर देखने से स्पष्ट प्रमाणित है।
संबंधित ठेकेदार के द्वारा उपरोक्त कार्यो का निर्माण गुणवत्ताहीन एवं घटिया स्तर का करते हुए भारी भ्रष्टाचार किया गया है जो की पूर्ण रूप से शासन तथा करोड़ों करदाताओं के टैक्स के पैसों की चोरी को दर्शाता है जो कि अपराध की श्रेणी में आता है।
उपरोक्त सड़क निर्माण कार्य को संबंधित ठेकेदार के द्वारा पूर्ण रूप से कार्य नहीं कराया गया है जबकि ठेकेदार के द्वारा अधिकारियों से मिली भगत कर उपरोक्त कार्यो की पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर कर अनावेदकगण से उपरोक्त पैकेज के संपूर्ण राशि प्राप्त कर लिया गया है इसके अलावा ठेकेदार एवं अधिकारियों के द्वारा उपरोक्त कार्य घटिया एवं गुणवत्ताहीन स्तर का होने से उखड़ चुका है जिससे कि यह प्रमाणित है कि संबंधित ठेकेदार के द्वारा इन कार्यों में भारी भ्रष्टाचार किया गया है।
उपरोक्त कार्यो में स्टीमेट के अनुसार दर्शाई गई मरम्मत एवं नवीनीकरण के कार्य पूर्ण रूप से निर्माण कराया जाना था परंतु संबंधित ठेकेदार के द्वारा उसका भी पालन नहीं किया गया है और स्टीमेट के अनुसार दर्शाई गई मरम्मत एवं नवीनीकरण के कार्य नहीं किए गए सिर्फ कवियों में पूर्ण बताया गया है और उसकी पूर्ण रूप से भुगतान प्राप्त कर लिया गया है जो कि यह प्रमाणित करता है कि ठेकेदार एवं अधिकारियों के द्वारा आपसी मिली भगत कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शासकीय राशि का गबन कर भ्रष्टाचार किया गया है।
निर्माण कार्यों को पूर्ण करने के पश्चात ठेकेदारों के द्वारा खनिज विभाग से खनिज चुकता प्रमाण पत्र प्राप्त करना अत्यंत आवश्यक होता है परंतु ठेकेदार एवं अधिकारियों से मिली भगत कर
फर्जी चुकता प्रमाण पत्र बलरामपुर खनिज विभाग से मिली भगत कर कार्यपालन अभियंता के छत्तीसगढ़ ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण अंबिकापुर के द्वारा प्राप्त किया गया है जिसकी विधिवत जांच करने की भी मांग डीके सोनी के द्वारा की गई है जिससे कि करोड़ों रुपए की रॉयल्टी शासन को प्राप्त हो सके।
उपरोक्त शिकायत एवं उसके साथ प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुभाग अधिकारी के द्वारा मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ सरकार नया रायपुर को दिनांक 19/11/2024
के माध्यम से उपरोक्त शिकायत की जांच कर कार्रवाई करनी हेतु प्रेषित किया गया है साथ ही साथ आयुक्त सरगुजा संभाग अंबिकापुर के द्वारा भी दिनांक 21/11/2024
को कलेक्टर सरगुजा को शिकायत आवेदन में उल्लेखित तथ्यों के जांच कराकर 15 दिवस के भीतर जांच प्रतिवेदन कार्यालय को उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है अब देखना यह है कि उक्त मामले में छत्तीसगढ़ सरकार कितनी गंभीरता से जांच करा कर दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही कर एफआईआर दर्ज कर रही है।
डॉ डी०के० सोनी अधिवक्ता
एवं आरटीआई एक्टिविस्ट