छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस समय भेंट-मुलाकात कार्यक्रम कर रहे हैं।
इनका धुआंधार दौरा हर विधान सभा क्षेत्र में करने का कार्यक्रम बीती गर्मियों से ही शुरू हुआ था।
जनता से सीधे जुड़ाव,उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए ये कार्यक्रम उपयोगी भी रहा।
पर लगता है भाजपा अब पूरी तरह से सवा साल पहले ही छत्तीसगढ में चुनावी मोड पर आ चुकी है। इसलिए भाजपा अब कोई भी मौका चुके बगैर सरकार का विरोध प्रदर्शन करने में जी जान से जुट गई है।
सूत्रों के अनुसार कल सूबे के मुखिया को कुछ व्यवसायियों ने एक कार्यक्रम में बुलाया था मगर जो अंदरूनी ख़बर आई कि यहां भाजपा समर्थक भी रहेंगे ऐसे में मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम से दूरी बनाई। ये कार्यक्रम अचानक आनन फानन में आयोजित करने की ख़बर प्रशासन को मिली थी।इस कारण कुछ व्यवसायी और नागरिक इससे खफ़ा हो गए।
जैसे ही रोड शो हुआ वहां कई लोगों ने जोरदार तरीके से मुख्यमंत्री के विरूद्ध जमकर नारेबाजी कर दी।
भाजपा के कार्यालय प्रभारी नरेश चंद्र गुप्ता ने कड़ी प्रतिक्रिया तक दे डाली कि सरकार तानाशाही कर रही है।
वहीं इस मामले पर कांग्रेस की तरफ़ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
बहरहाल राजनीति में आरोप प्रत्यारोप और विरोध ये सब इसके एक अंग हैं।लेकिन आने वाले दिनों में सरकार को आक्रामक होती भाजपा के तेवर पिछले कुछ दिनों से ज़मीन पर भी नज़र आने लगे हैं।