प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने छत्तीसगढ के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की नृशंस हत्याकांड की निंदा कर इस मामले का पटाक्षेप एक निश्चित समय में करने की बात लिखी है।स्पष्ट है कि छत्तीसगढ सरकार के लिए ये हत्याकांड सरकार की प्रतिष्ठा व लचर कानून और सुस्त प्रशासन पर उंगली उठा रहा है।

छत्तीसगढ के बस्तर संभाग के युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर के नृशंस हत्याकांड की गूंज पर दिल्ली में प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने भी प्रेस रिलीज जारी कर कड़ी कार्रवाई की मांग एक निश्चित समय पर करने की मांग की है।

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने पत्रकार मुकेश चंद्राकर की नृशंस हत्या पर ये प्रेस रिलीज जारी कर दुख व्यक्त कर एक निश्चित समय में इसे हल करने की बात लिखी है।

गौरतलब है कि पहल ने कल रात 8.30 बजे ही पूरे तथ्य के साथ पत्रकार मुकेश चंद्राकर की नृशंस हत्याकांड पर खुलासा किया था जिसमें सीधे तौर पर बस्तर संभाग के ठेकेदार पर आरोप लगाया था और वो बात अब सामने भी आ रही है।

पहल ने कल रात ही हत्याकांड के पीछे राज का खुलासा किया था।

पहल की ख़बर पर दिल्ली प्रेस क्लब के मनोनीत सदस्यों में से कुछ ने इसे संज्ञान में भी लिया था साथ ही अन्य समाचार के माध्यमों से भी ये बात लगातार पहुंच रही थी।साथ ही पहल ने ट्विटर पर भी ट्वीट कर सीधे तौर पर राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर राज्य के डीजीपी की जिम्मेदारी पर भी प्रश्न उठाए हैं जिसका सरकार और विपक्ष को ईमानदारी से जवाब देना चाहिए।

दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक युवा और अच्छे पत्रकार की नृशंस हत्या सड़ चुके सिस्टम के कारण हुई क्योंकि छत्तीसगढ में भ्रष्टाचार और पूरी तरह से खत्म हो चुका सिस्टम जिस पर प्रश्न उठाकर भाजपा सत्ता में आई लेकिन सत्ता में आते ही भाजपा भी पूर्ववर्ती सरकार की राह चल पड़ी जिसका खामियाजा आमजन और पत्रकार को उठाना पड़ रहा है।

बहरहाल शुक्रिया प्रेस क्लब ऑफ इंडिया का जिसने हमारी ‘पहल’ पर ‘पहल’ कर बहुत ही सरल और बेबाक पत्र हमारे बीच नहीं रहे युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की नृशंस हत्याकांड पर न्याय पर लिखा।छत्तीसगढ की भाजपा सरकार के लिए ये वाकई शर्मिंदगी का विषय है कि छत्तीसगढ में आज कानून का और प्रशासन का भय क्यों नहीं है और ये सरकार एक साल से आखिर कर क्या रही है?

‘पहल’ परिवार हमारे युवा पत्रकार साथी मुकेश चंद्राकर को श्रद्धासुमन अर्पित करता है साथ ही छत्तीसगढ सरकार और भाजपा के केंद्रीय संगठन से आत्मचिंतन की एक भावुक अपील भी करता है क्योंकि ये हत्या एक पत्रकार की ही नहीं बल्कि राज्य में सिस्टम और सरकार की भी है…।

आलोक शुक्ल,संपादक पहल।

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