सीजीएमएससी के हज़ारों करोड़ के घोटाले में आज दो बड़ी ख़बर सामने आ रही है।

आलोक शुक्ल,संपादक पहल।

मोक्षित कॉरपोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा को आज 4 फरवरी को 7 दिन की डिमांड पूरी होने पर विशेष न्यायालय EOW की श्रीमती निधि शर्मा तिवारी के कोर्ट में पेश किया गया और 6 दिन की रिमांड मांगी गई EOW के द्वारा जिस पर न्यायालय ने मोक्षित कारपोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा की 6 दिन की रि मांड स्वीकार करते हुए EOW को आदेश दिया कि 10 फरवरी को उन्हें पुनः न्यायालय में पेश किया जाए।


वहीं/acb के अति विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार छत्तीसगढ़ सरकार के स्वास्थ्य विभाग के कभी संचालक रहे भीम सिंह और सीजीएमएससी के एमडी रहे चंद्रकांत वर्मा और वर्तमान सीजी एमएससी की एमडी श्रीमती पद्मिनी बोई को पूछताछ के लिए नोटिस जारी करने जा रही है।
Eow/acb कैसी विश्वसनीय सूत्र बता रहे हैं कि छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रमोटी आईएएस चंद्रकांत वर्मा एवं आईएएस भीम सिंह से पूछताछ करने के लिए..eow/acb ने जो अनुमति मांगी थी सरकार ने वह अनुमति दे दी है।
हजारों करोड़ के मामले में बताया जाता है कि सीजी एमएससी के घोटाले में कई सफेद पोश चेहरे भी सामने आ सकते हैं।सूत्र यह भी बता रहे हैं कि अधिकारियों की एक गोपनीय बैठक नये रायपुर में गोपनीय तरीके से हो चुकी है जिसमें यह राय बनाने का प्रयास किया गया की कोई किसी का नाम नहीं लेगा जांच में अब यह कहां तक सही है यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा।
भाजपा के ही वरिष्ठ नेताओं ने संगठन को सुझाव दिया है कि छत्तीसगढ़ की जनता का टैक्स के पैसे का एवं सरकार के गरीबों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सैकड़ो करोड़ों रुपए स्वीकृत किए गए और उसका भ्रष्टाचार के रूप में बंदर बांट 2004 से लेकर अक्टूबर 2023 तक खुलकर किया गया इसकी एक विशेष जांच टीम गठित कर जांच कराई जानी चाहिए और ब्यूरोक्रेट/सफेद पोश नेताओं के नाम और चेहरे सामने आना चाहिए कि सरकार की राशि का भ्रष्टाचार के रूप में दुरुपयोग किसने किया?

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