अंबिकापुर नगर निगम में भाजपा एक दशक के बाद क़ाबिज़ हुई है।
अब इसमें महापौर के तौर पर महिला प्रत्याशी मंजूषा भगत के चेहरे को बीजेपी ने सामने लाया।
वहीं अब सभापति के लिए भाजपा पर सब की निगाहें टिकी हुई हैं।
इसमें दो नाम संगठन में प्रमुखता के साथ चल रहे हैं जिनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि में भाजपा के लिए हर तरह के त्याग हैं साथ ही पूरे सरगुजा संभाग में भाजपा को दशकों पहले स्थापित करने के लिए जी तोड़ और निःस्वार्थ भाव से पार्टी के लिए की गई मेहनत है।


या यूं कहें इनकी मेहनत का बीज ही आज सरगुजा में भाजपा को वट वृक्ष के रूप में स्थापित करने वाला है तो ये अतिश्योक्ति नहीं होगी।
इनमें दो नाम हैं देवेश्वर शरण सिंह देव और स्वर्गीय बालकृष्ण सिंह।
दोनों ही आपातकाल में जेल में डाल दिए गए लेकिन वो टूटे नहीं अपितु जेल से बाहर आने के बाद और भी मज़बूत इरादों के साथ भाजपा के लिए तन,मन,धन से लग गए
पूर्व विधायक देवेश्वर शरण सिंह के पुत्र मनीष सिंह ने नगर निगम में टी एस सिंहदेव के खास सिपहसलार अजय अग्रवाल को करारी शिकस्त देकर सबका ध्यान आकर्षित किया वहीं स्वर्गीय बालकृष्ण सिंह के पुत्र हरमिन्दर सिंह उर्फ़ टिन्नी तीन बार से लगातार पार्षद हैं।

बीजेपी के पूर्व विधायक देवेश्वर शरण सिंह आज भी सरगुजा की जनता के लिए रेल संघर्ष समिति के माध्यम से सक्रिय होकर बेबाकी से आवाज़ उठा रहे हैं।ये पार्षद मनीष सिंह के पिता हैं।

इनमें दो नाम हैं देवेश्वर शरण सिंह देव और स्वर्गीय बालकृष्ण सिंह।
दोनों ही आपातकाल में जेल में डाल दिए गए लेकिन वो टूटे नहीं अपितु जेल से बाहर आने के बाद और भी मज़बूत इरादों के साथ भाजपा के लिए तन,मन,धन से लग गए।


पूर्व विधायक देवेश्वर शरण सिंह के पुत्र मनीष सिंह ने नगर निगम में टी एस सिंहदेव के खास सिपहसलार अजय अग्रवाल को करारी शिकस्त देकर सबका ध्यान आकर्षित किया वहीं स्वर्गीय बालकृष्ण सिंह के पुत्र हरमिन्दर सिंह उर्फ़ टिन्नी तीन बार से लगातार पार्षद हैं।

स्वर्गीय बालकृष्ण सिंह।आज दुनिया में भले ही भौतिक रूप से नहीं हैं मगर गांव गांव तक जिस जीवटता के साथ इन्होंने पार्टी के लिए काम किया उसकी लोग आज भी मिसाल देते हैं।इनके पुत्र का हरमिंदर का जन्म इनके जेल में जाने के बाद हुआ था।

चित्र में ऊपर मनीष सिंह और नीचे हरमिंदर सिंह।पार्टी के लिए इनके परिवार का त्याग एक प्रेरणा है।

अब सवाल ये कि भाजपा का वर्तमान संगठन इन दो भाजपा पार्षदों के परिवार का त्याग का कोई प्रतिफल इन्हें देती है या किसी और पर दांव लगाती है।
लेकिन ये स्पष्ट है कि सरगुजा में भाजपा के लिए इन दोनों पार्षदों के पिता ने घर में तंगहाली का दौर देखा लेकिन पार्टी के लिए निष्ठावान होकर हमेशा समर्पित रहे।
दोनों के परिजनों ने बताया कि जेल में रहने के बाद भी पारिवारिक स्थिति में संकट के बाद भी पार्टी के लिए निष्ठावान रहने वालों पर भाजपा का वर्तमान संगठन निश्चित ही अच्छा करेगा और हम उसी पल का इंतज़ार कर रहे हैं।

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