
अंबिकापुर में शपथ ग्रहण समारोह पर कांग्रेस के ग्रहण की चर्चा के पहले हम दो दिग्गज नेताओं के आचार व्यवहार पर पहले प्रकाश डालेंगे।
सम्पादकीय आलोक शुक्ल।
नि:संदेह डॉक्टर रमन सिंह ने छत्तीसगढ में 15 साल सरकार चलाई।उनकी सौम्य छवि और आलोचना सहने की शक्ति उनके लिए सदैव वरदान का काम की।कांग्रेस के टी एस सिंहदेव की भी स्पष्ट बात करने की आदत और आलोचना को स्वस्थ मानसिकता के साथ स्वीकार करना उन्हें लोकप्रिय बनाता है।इस मामले में सलगुजा के वर्तमान भाजपा संगठन को अपनी आलोचना सहने की आदत डालनी होगी अन्यथा यहां कांग्रेस फिर से बेहद मजबूत होगी इसमें कोई संदेह नहीं है।
नवनिर्वाचित महापौर के द्वारा अस्पृश्यता और धार्मिक भेदभाव की भावना से दिये गए नफरती बयान के विरोध में कांग्रेस एवं उसके पार्षद आज के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे। निगम में नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद जी ने कांग्रेस पार्षदों के शपथ हेतु सरगुजा कलेक्टर से चर्चा की है। इसके अनुसार कांग्रेस के पार्षद 3 मार्च सोमवार को कलेक्टर कक्ष में शपथ लेंगे।
संचार विभाग
जिला कांग्रेस कमेटी, सरगुजा
आज सुबह ही ये प्रेस विज्ञप्ति चर्चा का विषय बन गई है।अंबिकापुर जी हां स्वच्छ शहर का तमगा अंबिकापुर ने रमन सरकार में हासिल किया और इसमें तत्कालीन महापौर प्रबोध मिंज का विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने जिस तरह स्वस्थ मानसिकता के साथ सहयोग किया उस दौर को लोग आज भी याद करते हैं।
नवनिर्वाचित महापौर मंजूषा भगत ने आज नम्रता का परिचय दिया और शहर के विकास के लिए संकल्प की बात कही साथ ही विवादित बयान से इन्हें जिस तरह मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बयान देकर इनका बचाव किया वो भाजपा के संगठन की एक कुशल रणनीति रही।
लेकिन अंबिकापुर में पार्षद, महापौर शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस का बहिष्कार इस शहर के लिए और सरगुजा की भाजपा के लिए शुभ संकेत नहीं है।
सूत्रों की मानें तो मंजूषा भगत के आसपास रहने वाले और सरगुजा में भाजपा के कुछ नेताओं पर भाजपा संगठन कड़ी नज़र रख रहा है।और तो और किस तरह से मीडिया में विज्ञप्ति दी जा रही है और किससे किस तरह का संवाद किया जा रहा है इसका डाटा भी ऊपर तक मंगाया जा सकता है ये जानकारी मिल रही है।
बहरहाल ये पहला मौका है जब प्रचंड बहुमत के बाद भी भाजपा आई और शपथ ग्रहण से कांग्रेस ने किनारा किया इस पर भी यहां के आत्ममुग्ध भाजपाईयों को नीर क्षीर समीक्षा करना चाहिए अपनी बात मनवाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेना चाहिए।
बहरहाल मंजूषा भगत ने आज जिस तरह सबक लेते हुए सबका सम्मान किया वो एक शुभ संकेत है उन्हें विपक्ष के पार्षदों के मन में भी जगह बनाने के लिए दृढ़संकल्प के साथ जुटना होगा जिससे अंबिकापुर की छवि फिर से उभर कर देश में आए।