हरमंदिर सिंह ( टिन्नी ) बने अंबिकापुर शहर के नए सभापति।
‘पहल’ ने 25 फरवरी को ही अंबिकापुर में सभापति के लिए दो नामों को लेकर प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था जिस पर आज मुहर लग गई।
अंबिकापुर नगर निगम में भाजपा एक दशक के बाद क़ाबिज़ हुई
अब इसमें महापौर के तौर पर महिला प्रत्याशी मंजूषा भगत के चेहरे को बीजेपी ने सामने लाया।
वहीं अब सभापति के लिए भाजपा पर सब की निगाहें टिकी थीं।

इसमें दो नाम संगठन में प्रमुखता के साथ चल रहे थे जिनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि में भाजपा के लिए हर तरह के त्याग हैं साथ ही पूरे सरगुजा संभाग में भाजपा को दशकों पहले स्थापित करने के लिए जी तोड़ और निःस्वार्थ भाव से पार्टी के लिए की गई मेहनत है।
या यूं कहें इनकी मेहनत का बीज ही आज सरगुजा में भाजपा को वट वृक्ष के रूप में स्थापित करने वाला है तो ये अतिश्योक्ति नहीं होगी।
पूर्व विधायक देवेश्वर शरण सिंह के पुत्र मनीष सिंह ने नगर निगम में टी एस सिंहदेव के खास सिपहसलार अजय अग्रवाल को करारी शिकस्त देकर सबका ध्यान आकर्षित किया वहीं स्वर्गीय बालकृष्ण सिंह के पुत्र हरमिन्दर सिंह उर्फ़ टिन्नी तीन बार से लगातार पार्षद हैं।
आख़िरकार युवा और सौम्य स्वभाव के हरमिंदर सिंह टिन्नी को संगठन ने सभापति बनाया।
अब सवाल ये भी है कि मनीष सिंह जिन्होंने कांग्रेस के बड़े चेहरे अजय अग्रवाल को करारी शिकस्त दी उन्हें संगठन क्या पद देता है।
आमजन भी चाह रहे हैं कि इन दोनों परिवारों के होनहारों के साथ संगठन समान न्याय करे।
वहीं युवा हरमिंदर सिंह की ज़िम्मेदारी अब बढ़ चुकी है क्योंकि सरगुजा संभाग के सबसे बड़े शहर अंबिकापुर का सभापति बनना अपने आप में एक उपलब्धि है।