Supreme Court and Hospital – Medicine releted issue Breaking Details:

प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवाने वाले आम लोगों के लिए एक बड़ी खबर

रिपोर्ट आलोक शुक्ल।

निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों और परिवारों के शोषण को रोकने के लिए जल्द ही बनाई का सकती नीति

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार को दिया है निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र और राज्यों से निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों और परिवारों के शोषण को रोकने के लिए एक नीति बनाने का आग्रह किया, जो उन्हें अपने स्वयं के फार्मेसियों या उनके सहयोग से प्रतिष्ठानों से दवाएं, प्रत्यारोपण, उपभोज्य और चिकित्सा उपकरण खरीदने के लिए मजबूर करते हैं।

जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि — सरकारों को अनुचित आरोपों और शोषण के बारे में भी संवेदनशील होना चाहिए। हालांकि‌ अदालत ने सरकारों को निजी अस्पतालों के खिलाफ सख्त या अनुचित रुख अपनाने से भी आगाह किया।
यह उन निजी निवेशकों को हतोत्साहित कर सकता है जो राज्य चिकित्सा देखभाल में कमियों को भरते हैं।

सुनवाई याचिकाकर्ता सिद्धार्थ डालमिया द्वारा दायर एक रिट याचिका पर आधारित थी। डालमिया ने अदालत में कहा कि — उन्होंने व्यक्तिगत रूप से शोषण का दंश तब महसूस किया था जब एक रिश्तेदार का एक निजी अस्पताल में व्यापक इलाज हुआ था। उसके बाद इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।

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