कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए अशोक गहलोत का नाम लगभग तय माना जा रहा है।
विगत कुछ दिनों से गांधी परिवार के अलावा अन्य किसी को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम सबसे आगे है।अशोक गहलोत गांधी परिवार की पहली पसंद भी हैं और बेहद अनुभवी भी।
पहले गहलोत सीएम ही बने रहना चाहते थे पर गांधी परिवार की इच्छा के आगे वो कांग्रेस अध्यक्ष के लिए चुनाव लड़कर उस पर आसीन होने को अब तैयार हैं।
वहां सचिन पायलट और सीपी जोशी का नाम मुख्यमंत्री के लिए चल रहा है पर राहुल गांधी की पसंद सचिन पायलट हैं।
इस बदलाव के बाद अब छत्तीसगढ में भी मुख्यमंत्री के बदलाव को लेकर सुगबुगाहट तेजी से फिर शुरू हो गई है।
टी एस सिंहदेव के लगातार तेजी से सक्रिय होने और बहुत ही नापतौल कर बयान देने को इस कड़ी में बड़ा कदम भी माना जा रहा है।
वैसे भी आने वाली 26 तारीख को ईडी की अर्जी पर छत्तीसगढ के दो बड़े अधिकारियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है साथ ही जून के अंत में केन्द्रीय आयकर विभाग के छापे के बाद छत्तीसगढ सरकार को लेकर ऊपर तक जो ख़बरें फैल रही हैं उसे देखते हुए यदि यहां भी परिवर्तन हो जाए तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।
हालांकि भूपेश बघेल की ज़मीनी स्तर पर उनकी पहचान टी एस सिंहदेव के लिए सबसे बड़ी मुश्किल है।जिस तरह से भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ में कांग्रेस को ज़मीनी स्तर पर मजबूती से खड़ा किया वो काबिले तारीफ़ है।
सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को कई जगहों पर अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।साथ ही कांग्रेस के संगठन के एक दिग्गज ने अनौपचारिक रूप से बताया है कि अब राहुल गांधी के तेवर बहुत तेजी से बदले हैं। इस तेवर में वो अब लगातार त्वरित निर्णय लेकर कांग्रेस में भी व्यापक बदलाव करने वाले हैं जिससे आम कार्यकर्ताओं में खोता हुआ विश्वास हासिल हो और आगामी लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस को आश्चर्य जनक बढ़त मिले।
टी एस सिंहदेव का विगत दिनों बस्तर का दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वहां भी कुछ असंतुष्ट नेताओं के टी एस सिंहदेव से मुलाक़ात करने की पुख्ता ख़बर आई है।