पूर्व मुख्यमंत्री माननीय डॉक्टर रमन सिंह ने कई विषय पर बेहद आक्रामक होकर भूपेश सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। वहीं टी एस सिंहदेव भी सच्चाई बोल गए।
चाहे वो बस्तर में 39 आदिवासियों की मौत स्वास्थ्य गत हो या
मुख्यमंत्री के जुए सट्टे पर लगाम लगाने के निर्देश।
महासमुंद से आंदोलन की शुरुआत गंगाजल के सम्मान में भाजपा मैदान में।
पूर्व मुख्यमंत्री डाॅक्टर रमन सिंह के बेहद गंभीर आरोप। यूं तो डाॅक्टर रमन सिंह बेहद शांत व गंभीर व्यक्तित्व के हैं,लेकिन जिस तरह से आज उन्होंने राज्य की कांग्रेस सरकार के मुखिया भूपेश बघेल के लिए जिस तरह का वक्तव्य दिया है उससे साफ़ है कि अब डाॅक्टर रमन जैसे शांत व्यक्ति भी आक्रामक होकर दो दो हाथ करने का मन बना चुके हैं।अमूमन रमन सिंह इस तरह की बयानबाजी से दूर रहते हैं मगर आज उन्होंने भूपेश बघेल,टी एस सिंहदेव को आड़े हाथों लेते हुए कह डाला कि गंगाजल हाथ में लेकर कसम खाने वाले कांग्रेस के नेता जवाब दें कि अभी तक घोषणापत्र में शामिल कई वादों को पूरा क्यों नहीं कर पाए हैं।महिलायें शराब बंदी को लेकर पूछ रही हैं।बेरोजगार रोजगार भत्ते के बारे में जानना चाह रहे हैं।किसानों को पूरा बोनस नहीं मिल पाया है। संविदा कर्मी संविलियन को लेकर खड़े हैं।ये सरकार पूरी तरह से झूठी है।घोषणापत्र में किए वादे अब तक पूरे नहीं किए गए हैं।भूपेश बघेल के जुआं सट्टा पर डीजीपी को लगाम लगाने के सख्त निर्देश पर डाॅक्टर रमन ने तो यहां तक कह डाला कि पूरा पैसा इनतक पहुंचता है। जूते की थाप से इतना होना चाहिए कि डर हो।जब तक पोस्टिंग में पैसे लिए जायेंगे तो कार्यवाही कैसे होगी।
छत्तीसगढ की सड़कों का हाल देखें। नई सड़क बननी तो दूर सड़कों की रिपेयरिंग तक के लिए पैसा नहीं है।
एक नारा चल रहा है ‘लबरा का डबरा ‘ये” लबारी बोलने वाला मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बेनकाब हुआ है-डाॅक्टर रमन।”
वहीं सरकार के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव सरगुजा में हैं उनके क्षेत्र की सड़कें खराब हैं जब इस बाबत उनसे पूछा गया तो उन्होंने साफगोई से अपनी सरकार के लिए ही कह डाला कि सरकार के पास पैसे नहीं हैं। मांग की गई है मुख्यमंत्री से मांग की है पर जो पैसे आए थे वो बहुत कम हैं इसलिए ये समस्या है।