मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दिया जांच के आदेश, दो माह में पहुंची सूचना!
खाद्य संचालनालय के घोटालेबाज अधिकारी मुख्य मंत्री विष्णु देव साय के कार्यालय में दखल देकर जांच सम्बन्धी पत्र को भी सूचना कर्ता तक पहुंचाने में गतिरोध खड़ा कर रहे है।इसका जीता जागता प्रमाण ये है कि मुख्य मंत्री कार्यालय से निकला 8जनवरी 2025का पत्र दो महीने बाद शिकायकर्ता को मिला है।
हमर संगवारी संस्था के अध्यक्ष राकेश चौबे ने खाद्य संचालनालय के अपर संचालक के विरुद्ध सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश के प्रावधानों का उल्लंघन का आरोप लगाया था। राशन दुकानों को आबंटन दिलाने, घोषणा पत्र को गायब कराने सहित बाजार से घटिया चांवल खरीद कर राशन दुकानों में रखने, और मैदानी अमले पर जूम कांफ्रेंस के माध्यम से नियम के खिलाफ वसूली करवाने का आरोप के प्रमाण भी दिए गए थे।
ये भी जानकारी मिली थी कि मुख्य मंत्री कार्यालय के द्वारा दिए गए निर्देश के बाद अपर संचालक को खाद्य संचालनालय से हटा कर मंत्रालय संलग्न कर दिया गया था।
इस खबर का भी खंडन करने के लिए मंत्रालय स्तर के एक अधिकारी से पत्र जारी कर शिकायत को ही गलत बताने की कोशिश की गई थी।
हमर संगवारी संस्था के अध्यक्ष राकेश चौबे ने जानकारी दी है कि छत्तीसगढ़ में हुआ राशन घोटाला 600करोड़ का है जिसकी ईओडब्ल्यू सहित एसीबी से जांच कराना चाहिए क्योंकि पूरे नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए खाद्य संचालनालय के अधिकारी ने एनआईसी का दुरुपयोग कर बाजार से चांवल खरीदवाने का माड्यूल में भी व्यवस्था रखवाई गई है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली आदेश में इस प्रकार की कार्यवाही आपराधिक मामला बनता है।
राकेश चौबे ने मांग किया है कि इस बात की जांच हो कि मुख्यमंत्री कार्यालय से प्रेषित पत्र दो माह बाद क्यों भेजा गया और इसी बीच खाद्य मंत्रालय के अधिकारी ने अपर संचालक को निर्दोष होने का पत्र क्यों जारी किया। राकेश चौबे ने मांग की है कि राशन चांवल बचत घोटाले की जांच तत्काल एसीबी /ईओडब्ल्यू से कराया जाए।

वहीं राकेश चौबे ने कहा है कि यदि जांच नहीं हुई तो वो सीधे न्यायालय का रूख करेंगे जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो।

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