सरगुजा संभाग में रामानुजगंज में जिला न्यायालय में जिस तरह से न्यायाधीश ने हेराफेरी में सरकारी रूपयों की बंदरबांट करने वालों को जेल भेजा है उससे न्याय व्यवस्था पर लोगों का विश्वास और सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।

रामानुजगंज नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष रमन अग्रवाल के छोटे भाई विकास अग्रवाल बहु चर्चित धन घोटाला और शासकीय राशि के बंदर बांट के मामले में 3 वर्ष के लिए भेजे गए जेल साथ में रमन अग्रवाल के पारिवारिक सदस्य चाचा महेश अग्रवाल भी जेल गए।


रामानुजगंज और आसपास के कुल 17 लोगों को न्यायालय ने पूर्व के आदेश को यथावत रखते हुए 3 वर्ष के लिए जेल भेजा सभी आरोपी अंबिकापुर जेल में रखे जाएंगे।
पूरे मामले में सबसे अधिक चर्चा नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष रमन अग्रवाल  के भाई को जेल जाने की हो रही है।भाजपा नेता रमन अग्रवाल की छवि उस क्षेत्र में बड़े नेता की है ऐसे में सरगुजा संभाग में भाजपा की इस मामले में फजीहत ही हो रही है।
2004 की यह घटना बताई जा रही है उस समय भारतीय जनता पार्टी की नई बनी सरकार में रामानुजगंज भाजपा मंडल के अध्यक्ष रमन अग्रवाल थे और उनके भाई विकास अग्रवाल जिन्हें घोटाले में जेल जाना पड़ा है वह तत्कालीन नगर पंचायत रामानुजगंज के वार्ड क्रमांक 15 से पार्षद भी थे।ऐसे में ये भी सवाल उठ रहा है कि शुरुआत से ही इस तरह के लोग पार्टी की साख पर बट्टा लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़े।

न्यायालय में जिस तरह से जिला न्यायाधीश ने फैसला सुनाया उससे सब यही कह रहे हैं कि कुछ दिन पहले 29 मार्च को शनि देव ने राशि परिवर्तन की है और आखिरकार 20 साल पुराने मामले में जिस तरह से न्यायालय ने इतने रसूखदारों को एक साथ जेल की सजा सुनाई उससे पूरे क्षेत्र में ये फैसला सुर्खियों में है।

न्यायालय ने धान घोटाले में जिन जिन को सजा सुनाई और जेल भेजने का आदेश दिया उनके नाम।

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