Exclusive: कोयला ट्रांसपोर्ट घोटाला में छत्तीसगढ़ के पूर्व माइनिंग सेक्रेटरी के मोबाइल से कांग्रेसी नेता की खुली पोल

छत्तीसगढ़ कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल। अधिकारी से फोन पर बातचीत मंहगी पड़ी।

केन्द्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी (Directorate of Enforcement,ED) द्वारा एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए माइनिंग घोटाला और उसके लिए कमीशनबाजी जिसे आम बोलचाल की भाषा में वहां लेवी कहते हैं , उससे जुडे मामले में एक बड़ी ख़बर सामने आई है ।

20 फरवरी को ईडी के द्वारा छत्तीसगढ़ कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं के यहां छापेमारी की गई है। दरअसल ईडी को इसी मामले की तफ्तीश के दौरान पार्टी से जुड़े नेताओं ,समर्थकों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े कई सबूत ,दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस मिले हैं ।उसी के आधार पर ये सर्च ऑपरेशन चल रहा है ।जांच एजेंसी के सूत्र के मुताबिक पिछले कुछ समय पहले इसी मामले में गिरफ्तार IAS अधिकारी समीर विश्नोई के घर में छापेमारी के दौरान उनका मोबाइल फोन जब्त किया गया था , उसी मोबाइल को जांचने के दौरान कई ऐसे ऑडियो क्लिप भी मिले हैं , जिसमें कई बिचौलियों और कांग्रेस पार्टी से जुड़े नेताओं और विधायकों के साथ हुई बातचीत भी है ।जांच एजेंसी उस मोबाइल को फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेज चुकी है,जिसकी रिपोर्ट भी जांच एजेंसी के पास आ चुकी है । सूत्र अधिकारी के मुताबिक एक ऑडियो क्लिप में गिरफ्तार आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई को कांग्रेसी नेता राम गोपाल अग्रवाल ,जो कांग्रेस पार्टी के प्रदेश कोषाध्यक्ष भी हैं , उनके द्वारा कॉल किया गया था और समीर विश्नोई को कई तरह के निर्देश दे रहे थे ,उसी दौरान समीर विश्नोई के मोबाइल मे सारी बातें रिकॉर्ड हो गई या जानबूझकर की गई थी।लेकिन फोन में पड़े हुए वो ऑडियो क्लिप के आधार पर अब जांच एजेंसी के रडार पर अब कई नेता सहित भ्रष्ट सरकारी कर्मचारी , अधिकारी आ चुके हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता आर पी सिंह को ईडी के अधिकारी कल रात ही अपने साथ ले जा चुके हैं।

दिलचस्प तथ्य ये सामने आ रहा है कि आईएएस समीर विश्नोई ने हर डाटा तो डिलीट कर दिया मगर फोन पर ऑटो काल रिकार्डर On रहा। बस यहीं से ईडी के अधिकारियों को आसानी से एक के बाद एक तथ्य पुख्ता आधार पर हाथ लगे,जिसके बाद ईडी कांग्रेस विधायक,नेताओं तक भी पहुंची।सूत्रों के अनुसार इस केस में अब ईडी कुछ बड़े नाम भी उजागर करेगी क्योंकि भ्रष्टाचार के ताले पर मोबाइल फोन जैसी ‘चाभी’ आखिर ईडी के पास मौजूद है।

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