आज भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव जो कि बिलासपुर से भाजपा सांसद भी हैं सरगुजा ज़िला के मुख्यालय अंबिकापुर पहुंचे। यहां इन्होंने जब बोला तो कह डाला सरगुजापुर ज़िला।

‘सरगुजापुर’ कहा सरगुजा को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने।

अब प्रश्न तो उठना ही था कि सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद पर रहते हुए अरूण साव जब ज़िले का नाम ही सही नहीं बोल पा रहे तो बूथ को मजबूत करने का कार्यक्रम कैसे करेंगे? अब तो भाजपा के संगठन के लोग ही अंदरूनी तौर पर कह रहे हैं कि प्रदेश अध्यक्ष को ज़िला तो छोड़िए मुंहजबानी एक एक विधान सभा सीट और उसकी पूरी कुंडली मुंहजबानी याद होनी चाहिए।

कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने इस पर तीखा कटाक्ष कर कह डाला कि

वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कितने दुर्भाग्य की बात है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सरगुजा को सरगुजापुर कह रहे हैं। ये भाजपा के लिए आत्मचिंतन का विषय है कि किस कूपमण्डूप को प्रदेश अध्यक्ष बनाया हुआ है।

गौरतलब है कि सरगुजा नाम की कोई जगह नहीं है बल्कि एक पूरे क्षेत्र को सरगुजा कहा जाता रहा है रियासतकालीन समय से ही।अंबिकापुर सरगुजा ज़िले का मुख्यालय है।ये सब बातें किसी भी विद्यार्थी समेत नेताओं के सामान्य ज्ञान के लिए भी आवश्यक होनीं चाहिए। जब आपको प्रदेश के ज़िले का नाम ही सही ढंग से मालूम नहीं है तो उस ज़िले में आप पर पार्टी समेत अन्य जानकारी पर सवाल तो खड़े होंगे ही।

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